________________ 18. ] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः प्रयोदशमो विभागः. // 8 // संख-ककुन्द-संकासा खीर तूल (पूर, धार) मापमा। रययहारसंकासा सुक्कलेसा उ वगणयो // 1 // जह कडुय-तुम्बयरसो, निम्बरसो कडुय-रोहिणिरसो वा। इत्तोवि अणन्तगुणो, रसो उ कराहाइ नारव्यो // 10 // जह तिकडुयस्स रसो, तिवखो जह हथिपिप्पलीए वा / इत्तोवि अणन्तगुणो, रसो उ नीलाइ नायव्वो // 11 // जह तरुण अम्बयरसो, तुवर-कवित्थरस वावि जारिसो। इत्तोवि अणन्तगुणो, रसो उ काऊइ णाययो // 12 // जह परिणयम्बग-रसो, पककविरथस्त वावि जारिसयो / इत्तोवि पणन्तगुणो, रसो उ तेऊइ नायवो // 13 // वरवारुणीइ व रसो, विविहाण व पासवाण जारिसयो / महुमेरगस्स व रसो, इत्तो पम्हाइ परएणं // 14 // खज्जुर-मुद्दियरसो, खीररसो खण्डसकररसो वा / इत्तोवि अणन्तगुणो, रसो उ सुक्काइ नायव्वो // 15 / / जह गोमडस्स गन्धो, सुग,गमडस्स व जहा अहिमडस्स / इत्तोवि अणन्तगुणो, लेसाणं अप्पसस्थाणं // 16 // जह सुरहिकुसुमगन्धो, गन्धवासाण पिस्समाणाणं / इत्तोवि अणन्तगुणो, पसत्थलेसाण तिराहपि // 17 // जह करगयस्स फासो, गोजिमाए व सागपत्ताणं / इत्तोवि अणन्तगुणो, लेसाणं अप्पसस्थाणं // 18 // जह बूरस्सवि फासो, नवणीयस्म व सिरीसकुसुमाणं / इत्तोवि पणन्तगुणो, पसत्थलेसाण तिराहपि // 11 // तिविहो व नवविहो वा सत्तावीसइ-विहिकसीयो वा। दुसयो तेयालो वा, लेसाणं होइ परि. णामो // 20 // पंचासवप्पम(व)त्तो तीहिं श्रगुत्तो छसू अविरयो य / तिवारम्भ-परिणयो, खुद्दो साहस्सियो नरो // 21 // निद्धंधस-परिणामो, निस्संसो अजिइन्दियो / एयजोग-समाउत्तो, कराहलेसं तु परिणम // 22 // इस्सा अमरिस अतवो, अविज्ज माया यहीरिया। गेहि पयोसे य सढे, रसलोलुए सायगवेसए य // 23 // श्रारम्भा अविरयो, खुद्दो साह. स्सियो नरो। एयजोग-समाउत्तो, नीललेसं तु परिणमे / / 24 // वैके