________________ [ श्रीमदगिमसुभासिन्ध त्रयोदशी विमानः थीणं, चक्खुगिज्म विवजए // 4 // कुइयं रुइयं गीय, हसियं थणियं कन्दियं / बम्भचेररो थीणं, सोगिक विवज्जए॥ 5 // हासं खिड्ड रई दप्पं, सहसावत्तासियाणि य / बम्भचेररथो थीणं, नाणु चिन्ते कयाइवि // 6 // पगीयं भतपाणं च, खिप्पं मयविवडणं / बम्भचेररयो भिक्खू, निचसो परिवजए // 7 // धम्मलद्धं (छु) मियं काले, जत्तत्थं पणिहाणवं / नाइमत्तं तु भुजिजा, बम्भचेररयो सया // 8 // विभूसं परिवजिजा, सरीरपरिमंडणं बम्भचेररयो भिक्खू, सिंगारत्थं न धारए // 1 // सद्दे रूवे य गन्धे य, रसे फासे तहेव य / चविहे कामगुणे, निचसो परिवजए // 10 // श्रालयो थीजणाइनो, थीकहा य मणोरमा / संथवो चेव नारीणं, तासिं इन्दियदरिसणं // 11 // कुइयं रुइयं गीयं, हसियं भुत्तासियाणि य / पणीयं भत्तपाणं च, अइनायं पाणभोयणं // 12 // गत्तभूसणमिटुं च, कामभोगा य दुजया। नरस्सऽत्तगवेसिस्स, विसं तालउ जहा // 13 // दुजए कामभोगे य, निचसो परिवजए / संकाठाणाणि सव्वाणि, वजिजा पणिहाणवं // 14 // धम्माराम चरे भिक्खू, घिईमं धम्मसारही / धम्मारामरए दन्ते, बम्भचेरसमाहिए // 15 // देवदाणव-गन्धव्वा, जक्खरक्खस-किन्नरा / बम्भयारिं नमसन्नि, दुक्करं जे करनि तं // 16 // एस धम्मे धुवे निच्चे (नियए), सासए जिणदेसिए / सिद्धा सिज्झन्ति चाणेणं, सिज्झिस्सन्ति तहापरे // 17 // ति बेमि // ॥इति षोडशमध्ययनम् // 16 // // 17 // अथ पापश्रमणीयाख्यं सप्तदशमध्ययनम् // जे केइ उ (जे के इमे) पवइए नियंठे, धम्म सुणित्ता विणयोववन्ने सुदुल्लहं लहिउं बोहिलाभ, विहरिज पच्छा य जहासुहं तु // 1 / ' सिज्जा दढा पाउरणं मि अत्थि, उप्पजई भुत्तु तहेव पाउं / जाणामि जं वट्टइ पाउ. मुत्ति, किं नाम काहामि सुएण ? भन्ते ! // 2 // जे केइ उ पब्बईए, निद्दा