________________ [ भीमदागमतुवासिन्धः / द्वादशमी बिनाकर मिक्खेवो / दवथो पुफाई संतगुगुवित्तणा भावे // 191 // दव्वथओ सावथओ दवथओ बहुगुणत्ति बुद्धि सिआ / अनिउणमइवयणमिणं छज्जीवहि जिणा घिति // 192 // छज्जीवकायसंजमु दव्वथए सो विरुज्मई कसिणो / तो कसि.संजमविऊ पुप्फाई न इच्छंति // 193 // अकसिण.पवत्तगाणं विरयाविरयाण एस खलु जुत्तो। संसारपयगुकरणो दवथए कूवदिढतो // 19 // लोगस्सुजोयगरे धम्मतित्थयरे जिणे / अरिहंते कित्तइस्सं चउवीसं पि केवली // 1 // (सूत्रम्) _ नामं 1 व णा 2 दविए 3 खिते 4 काले 5 अं 6 भावे श्र७॥ पजवलोगे अ 8 तहा अट्टविहो लोगणिक्खेवो // 1070 // .. . (भा )जीवमजीवे रूवमरूवी सपएसमप्पएसे अ।जाणाहि दव्वलोगं णिच्चमणिच्चं च ज द वं // 195 // गइ 1 सिद्धा 2 भविआया 3 अभविअ 41 पुग्गल ? अणागयडा य 2 / तीअड 3 तिनि काया 4-2 जोव ? जोव 2 हिई चउहा // 196 // आगासस्स पएसा उड्डेच अहे य तिरियलोए अ / जाणाहि खित्तलोगं अणंत जिणदेसि सम्मं // 197 // समयावलिमुहुत्ता दिवसमहोरत्तपक्षमासा य। संवच्छरजुगपलिआ सागरओसप्पिपरिअट्टा // 198 // णेरइअदेवमणुआ तिरिवखजोणीगया यजे सत्ता / तंमि भवे वहता भवलोगं तं विआणाहि // 199 // ओदइए ? ओवसमिए 2 खइए अ 3 तहा खओवसमिए अ४। परिणामि 5 सन्निवार अ६ छव्विहो भावलोगो उ // 200 // तिव्वो रागो अ दोसो अ. उइन्ना जस्सजंतुणो। जाणाहि भावलोअं अणंतजिणदेसिभं सम्म // 201 // द वगुण 1 खित्तपञ्जव 2 भवाणुभावे अ 3 भावपरिणामे / जाण घरविहमेअं पजवलोगं समासेणं // 202 // वन्नरसगंधठाणफासट्ठाणगइवन्नभेए अ / परिणामे अ यहुविहे पज्जव्वलोगं विआणाहि // 203 // श्रानुक्कइ अ पलुकाइ लुकाइ संलुकई अ एगट्ठा / लोगो अट्टविहो खलु तेणेसो. वुचई लोगो // 71 // दुविहो खलु उज्जोयो नायवो दव्वभावसंजुत्तो। अग्गी दव्वुजोयो चंदो सूरो मणी विज्जू // 72 // नाणं भावुजोयो जह भणियं सब्वभावदंसीहिं / तस्स उवयोगकरणे भावुजोध वित्राणाहि // 73 // लोगस्सुजोगरा बुजोएण न हु जिणा हुँति /