________________ [ भीमदागमसुभासिन्ः द्वादशमी विमागा किं पिच्छसि साह्नणं तवं व नियमं व संजमगुणं वा / तो वंदसि साहणं ? एवं मे पुच्छियो साह // 11 // विसयसुहनिअत्ताणं विसुद्धचारित्त-निश्र. मजुत्ताणं / तच्चगुणसाहयाणं सदायकिच्चुजयाण नमो // 12 // असहाइ सहायत्तं करंति मे संजमं करितस्स / एएण कारणेणं नमामिऽहं सव्वसाहूणं // 13 // साहूण नमुक्कारो जीवं मोएइ भवसहस्सायो / भावेण कीरमाणो होइ पुण बोहिलाभाए // 14 // साहूण नमुकारो धन्नाण भवक्खयं कुणताणं / हिअयं अणु-मुअंतो विसुत्तियावारो होइ // 15 // साहूण नमुकारो एवं खलु वरिणयो महत्थुत्ति / जो मरणंमि उवग्गे अभिक्खणं कीरएं बहुसो // 16 // साहूण नमुक्कारो सव्वपावप्पणासणो / मंगलाणं च सव्वेसि पंचमं हवइ (होइ) मंगलं // 17 // एसो पंच नमुक्कारो सव्वपावप्पणासणो / मंगलाणं च सव्वेसिं पढमं हवइ मंगलं // 18 // नवि संखेवो व(न)विस्थारु(रो) संखेवो दुविहु सिद्धासाहुणं। वित्थारोऽयोगविहो पंचविहो न जुजई तम्हा // 11 // अरहंताई नियमा साहू साहू अ तेसु भइअव्वा / तम्हा पंचविहो खलु हेउनिमित्तं हवइ सिद्धो // 1020 // पुव्वाणुपुब्बि न कमो नेव य पच्छाणुपुब्बि एस भवे / सिद्धाईया पढमो बीयाए साहुणो आई // 21 // अरहंतुवएसेणं सिद्धा नजति तेण अरिहाई / नवि कोई परिसाए पणमित्ता पणमई रगणों // 22 // इत्थ य पयोषणमिणं कम्म क्खयो मंगलागमो चेव / इहलोअपारलोइन दुविह फलं तत्थ दिटुंता // 23 // इहलोह 1 अत्थकामा 2 श्रारुग्गं 3 अभिरई 4 अनिष्फत्ती ५।सिद्धी अ६ सम्ग 7 सुकुलपञ्चायाई 8 अ परलोए // 24 // इहलोगंमि तिदंडी 1 सादिव् 2 माउलिंगवण 3 मेव / परलोइ चंडपिंगल 4 हुँडिअजक्खो 5 अदिटुंता // 1025 // // इति नमस्कार-नियुक्तिः //