________________ [ श्रीमदागमसुपाति: भामो विभाग मणागारं लक्खणमेयं तु सिद्धाणं // 177 // केवलनाणुवउत्ता जाणंती सव्वभावगुणभावे / पासंति सबथो खलु केवलदिट्ठीहिऽणंताहिं // 17 // नाणमि दंसणंमि अ इत्तो एगयरयंमि उवउत्ता / सव्वस्त केवलिस्सा जुगवं दो नत्थि उवयोगा // 171 // नवि अस्थि माणुसाणं तं सुक्खं नेव सवदेवाणं / जं सिद्धाणं सुक्खं अब्बावाहं उवगयाणं // 180 // सुरगणसुहं समत्तं सम्बद्धापिंडियं अणंतगुणं / न य पावइ मुत्तिसुहंऽणंताहिवि वग्गवग्गृहि // 181 // सिद्धस्स सुहो रासी सम्बद्धापिंडिग्रो जइ हविज / सोऽणंताग्गभइयो सबागासे न माइजा // 182 // जह नाम कोइ मिच्छो नगरगुणे बहुविहे वियाणंतो / न चएइ परिकहेउं उवमाइ तहिं असंतीए // 183 // इत्र सिद्धाणं सुक्खं अणोवमं नत्थ तस्स ग्रोवम्मं / किंचि विसेसेणित्तो सारिक्खमिणं सुणह वुच्छं // 184 // जह सव्वकामगुणियं पुरिसो भोत्तण भोगणं कोई / तराहाछुहाविमुक्को अच्छिज जहा अमियतित्तो // 185 // इन सबकालतित्ता अउलं निव्वाणमुवग़या सिद्धा। सासयमव्वाबाहं चिट्ठति सुही सुहं पत्ता // 186 // सिद्धत्ति अ बुद्धत्ति अ पारगयत्ति य परंपरगयत्ति / उम्मुक्ककम्मकवया अजरा अमरा असंगा य // 187 // निच्छिन्नसबदुक्खा जाइजरामरणबंधणविमुक्का / अव्वाबाहं सुक्खं अणुहुँती सासयं सिद्धा // 188 / सिद्धाण नमोकारो जीवं मोएइ भवसहस्सायो / भावेण कीरमाणो होइ पुण बोहिलाभाए // 18 // सिद्धाण नमुकारो धन्नाण भवक्खयं कुएंताणं / हिअयं अणुम्मुरंतो विसुत्तियारश्रो होइ // 11 // सिद्धाण नमुकारो एवं खलु वरिणो महस्युत्ति / जो मरणंमि उवग्गे अभिक्खणं कीरए बहुसो // 111 // सिद्धाण नमुक्कारो सधपावप्पणासणो मंगलाणं च सव्वेसिं / बिइयं हवइ(होइ) मंगलं // 112 // नामं ठवणा दविए भावंमि चउन्धिहो उ अाय.. रियो। दब्बंमि एगभवियाई लोइए सिप्पसत्थाई // 113 // पंचविह