________________ 6 [ श्रीमदागमसुधार्सिन्छु / बादामा बिमार्ग सम्मत्तदेसविरया पडिवन्ना संपई असंखेना / संखेजा य चरित्तै तीसुवि पडिया अणंतगुणा // 851 // सुपपडिबराणा संपइ पयरस्त असंखभागमेत्ता उ / सेसा संसारत्था सुयपरिवडिया हु ते सव्वे // 852 // कालमणतं च सुए श्रद्धापरियट्टयो उ देसूणो / थाप्लायणबहुलाणं उक्कोसं अंतरं होइ // 853 // सम्मसुषअगारीणं श्रावलियनसंखभागमेत्ता उ। अट्ठममया चरिते सव्वेसु जहन्न दो समया // 854 // मुयसम्म सत्तयं खसु विरयावि. रईय बारसगं / विरईए पनरसगं विरहियकालो अहोरत्ता // 855 // सम्मत्तदेसविरई पलियम्स असंखभागमेत्तायो / अट्ठभवा उ चारेते अणंलकालं च सुयसमए // 856 // तिराह सहस्तपुहुत्तं सयापुहृत्तं च होड़ विरईए / एगभो धागरिमा एवनिया होंति नायव्वा / / 857 // तिराह सहस्समसंखा सहसपुहुत्तं च होइ विरईए। णाणभवे आगरिसा एवइया होंति णाव्या // 858 // सम्मत्तचरणसहिया सब्बं लोगं फुसे गिरवसेमं / सत्त य चोदसभागे पंच य सुयदेसविरइए // 851 // सबीवहिं सुयं. सम्मचरित्ताई सबसिद्धेहिं / भागेहिं असंखेञ्चेहि फासिया देसविरईप्रो॥८६० // सम्मदिहि' अमोहो सोही सम्भाव दंसेणं बोही / अविवजों सुदिट्ठित्ति एवमाई निरुत्ताई // 861 // अक्खर सन्नी संमं सादियं खलु सपन्जवसियं च / गमियं अंगपविट्ठ सत्तवि एए सपडिववखा // 862 // विरयाविरई' संयुडमसंवुडे बालपंडिए' चेव / देसेकदेसविरई अणुधम्मो अगारधम्मो य // 863 // सामाइयं' समइयं सम्मायो समास संखेो। अणवज्ज च परिगणा पचक्खाणे य ते अट्ठ॥ 864 // दमदंते' मेयज्जे कालयपुच्छा' चिलाय प्रत्तेय / धम्मरइ इला तेयलि सामाइए अट्ठदाहरणा // 865 // ___ (भा०) निक्खंतो हत्यिसोसा दमदंतो कामभोगमवहाय / णवि रजा रत्तेसुदुहेसुण दोसमावज // 151 //