________________ 12) [ भीमदागवसुवासिन्धुः / बालमों विभागः खवासीणं / श्रोहेण विभागेण य नाणी पडिबजइ चउरो॥८१६ // चउरोवि तिविहजोगे उवयोगदुगंमि चउर पडिवज्जे / ओरालिए चउवकं सम्म. सुय विउविए भयणा // 820 // सध्वेसुवि संठाणेसु लहइ एमेव सव्वसंवयणे / उको मजहरणं वजिऊण माणं लहे मणुप्रो // 821 // सम्मत्तसुयं सव्वासु लहइ सुद्धासु तीसु य चरितं / पुवपडिवगणगो पुण अरणयरीए उ लेसाए // 822 // वडते परिणाम पडिवजइ सो चउराहमरणयरं / एवमेवघट्टियंमिवि हायंति न किंचि पडिवज्जे // 823 // दुविहाए वेयणाए पडिवजइ सो चउराहमरणयरं / असमोहयोऽवि एमेव पुव्वपडिवरणए भयणा / / 824 // दव्वेण य भावेण य निबिडतो चउराहमरणयरं / नरएसु अणुबट्टे दुगं चउक्कं लिया उ उबट्टे // 825 // तिरिएसु अणुव्बट्टे तिगं चउक्कं सिया उ उव्व? / मणुएसु अणुबट्टे चउरो ति दुगं तु उव्वटुं // 826 // देवेसु अणुबट्टे दुगं चउपकं सिया उ उबट्टे / उबट्रमाणश्रो पुण सव्वोऽवि न किचि पडिवज्जे // 827 // णीसक्माणो जीवो पडिवज्जइ सो उगहमराणयरं / पुवपडिवरणयो पुण सिय पासवश्रो व णीसवयो॥२८॥उम्मुक्कमणुम्मुक्के उम्मचंते य केसलंकारे। पडिवज्जेजऽनयरं सयणाईसुपि एमेव // 826 // सव्वगयं सम्मत्तं सुए चरिते ण पजवा सब्वे / देसविरई पडुब्बा दोराहवि पडिसेहणं कुजा // 830 // माणुस्स खेत्त जाई कुलस्वारोग्गमाउयं बुद्धि / सतणोग्गह सद्धा संजमो लोगंमि दुलहाई // 831 // इंदिवलद्धी निव्वराणा य पज्जत्ति निरुवहयखेमं / धायारोग्गं सद्धा गाहगउजओग अहो य // 1 // (अन्यदीया) चोल्लग पासग धरणे जूए रयणे य सुमिण चक्के य / चम्मजुगे परमाणू दस दिटुंता मणुयलंभे // 32 // पुवंते होज जुगं भरते तस्स होज समिला उ / जुगविद्यामि पवेसो इय संसइयो मायलंभो // 33 //