________________ 15.] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः / द्वादशमी विभागः गाउयं वहइ // 12 // अत्थंडिलसंकमणे नलवक्खित्तणुवउत्तसागरिए। पडिपक्खेसु उ भयणा इयरेण विलंबणा लोगं (इतरेण विलंबणालोय) // 13 // पुच्छाए तिगिण तिथा छक्के पढम जयणा तिपंचविहा / पाउम्मि दुविह तिविहा तिविहा सेसेसुकाएसु॥१४॥ पुरिसो इत्थि नपुंसग एक्केको थेर मझिमो तणो / साहम्मि अन्नधम्मिगिहत्थदुग अप्पणा तइयो॥ 15 // साहम्मिश्रपुरिसासइ मज्झिमपुरिसं अणुगणवित्र पुन्छे। सेसेसु होति दोसा सविसेसा संजईवग्गे // 16 // थेरो पहं न याणइ बालो पवंचे न याणई वावि / पंडिस्थिमज्भसंका इयरे न याणंति संका य // 17 // पासट्ठियो य पुच्छेज वंदमाणं अवंदवाणं वा / अणुवइऊण व पुच्छे तुरािहक्कं मा य पुच्छिजा // 18 // पंथभासे य ठिो गोवाई मा य दूरि पुच्छिज्जा / संकाईया दोसा विराहणा होइ दुविहा उ॥ 11 // असई मज्झिमथेरो दढरसई भद्दयो य जो तरुणो / एमेव झत्थव गे नपुंसवग्गे य संजोगा // 20 // एत्थं पुण संजोगा होति प्रणेगा विहाणसंगुणिया / पुरिसित्थिनपुसेसु मझिम तह थेर तरुणेसु // 21 // तिविहो पुढविकायो सञ्चित्तो मीसयो अ अचित्तो / एक्केको पंचविहो अचित्तेणं तु गंतव्वं // 22 // सुक्कोल्ल उल्लगमणे विराहणा दुविह सिग्गवुप्पंते / सुकोवि अ धूलीए ते दोसा भट्ठिए गमणं // 23 // (भा०) तिविहो उ होइ उल्लो महसित्थो पिंडओ य चिक्खल्लो / लत्तपहलित्त उडअ खुप्पिज्जइ जत्थ चिक्खिल्लो // 33 // पञ्चवाया वालाइ सावया तेण कंटगा मेच्छा। अक्कंतमणक्कते सपञ्चवाएयरे चेव // 24 // तस्सासाइ धूलीए अक्कंत निपच्चएण गंतव्वं / मीसगसच्चित्तेसुऽवि एस गमो सुकउल्लाइं // 25 // उडुबद्धे रयहरणं वासावासासु पायलेहणिश्रा / वड उंबरे पिलंखू तस्स अलंभंमि चिंचिणि श्रा // 26 // बारसअंगुलदीहा अंगुलमेगं तु होइ विच्छिन्ना / घणमसिणनिव्व