________________ श्रीमती ओपनियुक्तिः ]"... य तिपरंपराभत्तं // 17 // असिवे सदसं वत्थं लोहं लोगं च तह य विगईओ। एयाइयजिजा चउवजणयंति जं भणिअं॥ 18 // उव्वत्तणनिल्लेवण बीहंते अणभिओगऽभोरू य / अगहिअकुलेसु भत्तं गहिर दिहिं परिहरिजा // 19 // पुवाभिग्गहवुड्डो विवेग संभोइरसु निक्खिवणं / तेऽविअ पडिबंधठिआ इयरेसु बला सगारदुर्ग // 20 // कूयंते अभयण समत्यभिक्खुस्स णिच्छ तद्दिवसं / जइ विंदघाइभेओ तिदुवेगो जाव लाउवमा // 21 // संगारो रायणिए आलोयणवपतपच्छा वा / सोममुहिकालानच्छणंतरे एक्कोदो विसए // 22 // एमेव य भोमम्मि भेओ उ अलंभि गोणिदिढतो / रायभयं च चउडा चरिमद्गे होई गणभंओ // 23 // निव्विसउत्ति य पढमो बिइओ मा देह भत्तपागं तु से)। तइओ उवगरणहरो जोवचरित्तस्स वा भेओ // 24 // अहिमर अणिदरिस गघुग्गाहणया तहा अणायारे / अवहरणदिक्खणाए आणालोर व कुप्पिजा / 25! / अंनेउरप्पवेसो वायनिमित्तं च सो पउसेजा। खुभिर मालज्जेणो पलारणं जो जओ तुरिअं // 23 // तस्स पंडियमाणस्स, बुडिल्लस्स दुरप्पणो / मुडं पाए। अकम्म, वाई वाउरिवाग ओ // 27 // निजवग्गस्स सगासं असई एगाणिो व गच्छिज्जा। सुत्तत्थपुच्छगो वा गच्छे अहवाऽवि पडिअरिउ // 28 // फिडिओ व परिरएणं मंदगई वावि जाव न मिलेना। सोऊगं व गिलागं ओसहकजे असई एगो // 29 / / अइसेसिओव सेहं असई एगाणिों पठावेज्जा (पयह जा, (एगण.ओऽवि गच्छे)। देवय कलिंग रुवणा पारणए खोर रहिरं च // 30 // चरिमाए संदिट्ठो ओगाहेऊण मत्तए गंठी / इहरा कय उस्सग्गो परिच्छ आमंतिआ सगणं // 31 // गच्छेज को णु ? सन्वेऽवडणुग्गहो कारगाणि दोविंता / अमुओ एत्थ समत्थो अणुग्गहो उभय किइकम्मं // 32 // पोरिस्किरणं ग्रहवावि प्रकरणं दोचऽपुच्छणे दोसा / सरण सुय साहु सन्ती अंतो बहि अन्नभावेणं // 8 // बोहण अप्पडिबुद्धे गुरुवंदणं घट्टणा अपडिबुद्धे / निचलणिसराणझाई दट्ठ चिट्ठ चलं पुच्छे // 1 // अप्पाहि अणुनायो ससहायो नीइ जा पहायंति / उवयोगं पासराणे करेइ गामस्म सो उभए // 10 // हिमतेणसावयभया दारा पिहिया पहं अयाणंतो। अच्छइ जाव पभायं वासियभत्तं च से वसभा // 11 // ठवणकुल संखडीए यणहिंडते सिणेहपयवज्ज / भत्तट्टिअस्स गमणं अपरिणए