________________ भीमदावश्यकत्रम् :: अध्ययनं 6 ] जीवियासंसप्पयोगे मरणासंसप्पयोगे कामभोगासंसपयोगे॥ 13 // सूत्रम् / / ___पञ्चक्खाणं उत्तरगुणेसु खमणाइयं अणेगविहं / तेण य इहयं पगयं तंपि य इणमो दसविहं तु // 1577 // अणागयमइक्कंतं कोडियसहियं नियंटियं चेव / सागारमणागारं परिमाणकडं निरवसेसं // 78 // संकेयं चेव श्रद्धाए पञ्चक्खाणं तु दसविहं / सयमेवणुपालणियं दाणुवएसे जह समाही // 79 // होही पजोसवणा मम य तपा अंतराइयं हुजा / गुरुवेयावच्चेणं तबस्ति गेलनयाए वा // 1580 // सो दाइ तवोकम्म पडिवज्जे तं अणागए काले / एवं पञ्चक्खाणं अणागयं होइ नायव्वं // 81 // पजोसवणाइ तवं जो खलु न करेइ कारगजाए। गुरुवेयावच्चेणं तवस्सि गेलनयाए वा // 82 // मो.दाइ तवोकम्मं पडिवजइ तं अइच्छिए काले / एवं पञ्चक्खाणं अइक्कत होइ नायव्वं // 83 // पट्ठवणो श्र दिवसो पञ्चवखाणस्स निट्ठवणयो य / जहियं समिति दुन्निवि तं भन्नइ कोडिसहियं तु // 8 // मासे मासे अ तवो अमुगो अमुगे दिणंमि एवइमो। हटुण गिलाणेण य कारबो जाव ऊसासो॥८५ // एवं पञ्चक्खाणं नियंटियं धीरपुरिसपन्नत्तं / जं गिहंतऽणगारा अणिस्सि(भि)यप्पा अपडिबद्धा // 86 / / चउदसपुवी जिणकप्पिएसु पढममि चेव संघयणे / एवं विच्छिन्नं खलु थेरावि तया करेसी य // 87 // मयहरगागारेहिं अन्नत्थवि कारणमि जायंमि / जो भत्तपरिचायं करेइ सागारकडमेयं // 88 // निजाय कारणंमी मयहरगा नो करंति श्रागारं / कतारवित्तिदुभिक्खयाइ एयं निरागारं // 86 // दत्तीहि उ कवलेहि व घरेहिं भिक्खाहिं अह व दव्वेहिं / जो भत्तपरिचायं करेइ परिमाणकडमेयं // 1510 // सव्वं असणं सर्व पाणगं सबखजभुजविहं / वोसिरइ सव्वभावेण एवं भणियं निरवसेसं // 11 // अंगुट्ठमुट्टिगंठी-घरसेउस्सास थिबुगजोइक्खे / भणियं संकेयमेयं धीरेहिं अणंतनाणीहिं॥ 12 // श्रद्धा पचक्खाणं जंतं कालप्पमाणछेएणं। पुरिमट्ठपोरिसीए मुहुत्तमासद्धमासेहिं