________________ [नामदागमतुणासन्यु मादशमोविनाला - सदेवमणुयासुरस्स लोगस्स प्रासायणाए // सूत्रम् // (भा०) देवादीयं लोयं विवरीयं भणह सत्त दीवुदही। तह कइ पयाव. ईणं पयईपुरिसाण जोगो वा // 213 // उत्तरं-सत्तसु परिमियसत्ता मोक्खो सुण्गत्तणं पयावह य / केण कउत्तणवत्था पयडीए कहं पवित्तित्ति ? // 214 // जमचेयणत्ति पुरिसत्यनिमित्तं किल पवत्ततो सा य / तीसे चिय अपवित्ती परोत्ति सव्वं चिय विरुद्ध // 215 // असज्झाए सज्झाइयं // सूत्रम् // . ॥अथास्वाध्यायिकनियुक्तिः॥ ' असन्झाइयनिज्जुत्तिं वुच्छामी धीरपुरिसपण्णत्तं / जं नाऊण सुविहिया पवयणसारं उवलहंति // 1335 / / असन्माइयं तु दुविहं श्रायममुत्थं च परसमुत्थं च ।जं तत्थ परममुत्थं तं पंचविहं तु नायव्वं // 36 // संजमघाउप्या(वघा)ए सादिव्वे वुग्गहे य सारीरे। घोमणयमिच्छरगणो कोई छलियो पमाएणं // 37 // मिन्छभयघोसण निवे हियसेसा ते उ दंडिया रराणा / एवं दुहयो दंडो सुरपच्छित्ते इह परे य // 38 // राया इह तित्थयरो जाणवया साहू घोसणं / सुतं मेच्छो य अमज्झायो रयणधणाई च नाणाई // 31 // थोवावसेसपोरिसिमझयणं वावि जो कुणइ सो उ / णाणाइसारराहियस्स तस्स छलणा उ संसारो॥ 1340 // महिया य भिन्नवासे सचित्तरए य संजमे तिविहं / दवे खित्ते काले जहियं वा जचिरं सव्वं // 41 // दुग्गाइतोसियनिवो पंचराहं देइ इच्छियपयारं / गहिए य देइ मुल्लं जणस्स थाहारवत्थाई // 42 // इक्केण तोसियतरो गिहमगिहे तस्स सव्वहिं वियरे / रस्थाईसु चउराहं एवं पढमं तु सव्वस्थ // 1343 // - (भा०) महिया उ गम्भमासे सच्चित्तरओ अ ईसिआयंबो / वासे तिनि प्यारा बुब्बुअ तव्वज फुसिए य // 216 // दवे तं चिय दध्वं खित्ते जहियं तु जचिरं कालं / ठाणाइभास भावे मुत्तु उस्सासउम्मेसे // 217 // . वासत्ताणावरिया निकारण ठंति कजि जयणाए। हत्थत्थंगुलिसन्ना प्रत्तावरिया व भासंति // 1344 // पंसू त्र मंसरहिरे केससिलावुट्टि तह