________________ भीमदावश्यक-सूत्रम् "मव्यापमं ] त्यपाए वोच्चत्थे तुच्छपाए य॥१॥ (प्र०) दुविहा जायमजाया- अमिओगविसे य सुद्धऽसुद्धा य / एगं च दोणि तिण्णि य मूलुत्तरसुद्धजाणट्ठा(नाहि)॥७९॥ नोउवगरणे जा सा चउविहा होइ आणुपुव्वीए / उच्चारे पासवणे खेले सिंघाणाए चेव // 80 // उच्चारं कुव्वंतो छायं तसपाणरक्खणट्टाए / कायदुयदिसाभिग्गहेय दो चेकऽभिगिण्हे // 81 // पुढविं तसपाणसमुट्ठिएहिं एत्थं तु होइ चउभंगो। पढमपयं पसत्थं सेसाणि उ अप्पसत्थाणि // 2 // गुरुमूलेवि वसंता अनुकूला जे न होंति उ गुरूणं / एएसि तु पयाणं दूरंदरेण ते होंति // 3 // // इति पारिष्ठापनिकानियुक्तिः॥ पडिकमामि छहिं लेसाहि-किराहलेसाए नीललेसाए काउलेसाए तेउलेसाए पम्हलेसाए सुक्कलेसाए, पडिकमामि सत्तहिं भयठाणेहिं, अट्टहिं मयठाणेहि, नवहिं बंभचेरगुत्तीहिं, दसविहे समणधम्मे, एगारसहि उवासगपडिमाहिं // सूत्रम् // ___इहपरलोया-दाणम-कम्हा आजीवमरणमसिलोए / जाईकुलबलरूवे तवईसरीए सुए लाहे // 1 // वसहिकहनिसिज्जिदिय कुडतरपुव्वकीलियपणीए / अइमायाहारविभूषणा य नव वंभचेरगुत्तीओ // 2 // खंती य मद्दवज्जव मुत्ती तवसंजमे य बोद्धव्वे / सच्चं सोयं आकिंचणं च मंच जइधम्मो(खंती मुत्ती अज्जव मद्दव तह लाघवे तवे चेव / संयम चिआगऽकिचण बोद्धब्बे बंभचेरे अ॥) // 3 // दंसणयसामाइय पोसहपडिमा अबंम सच्चित्ते / आरंभपेसउद्दिट्ट वज्जए समणभूए य / 4 // बारसहिं भिक्खुपडिमाहिं, तेरसहि किरियागणेहिं, चोदसहिं भूयगामेहि, पन्नरसहिं परमाहमिएहि, सोलसहिं गाहासोलसएहिं, सत्तरसविहे संजमे, अट्ठारसविहे अबंभे, एमणवीसाए नायज्झयणेहिं, वीसाए असमाहिठाणेहिं // सूत्रम् // मासाई सत्ता पढमाविति(षियतय)सत्तासत्त]राइदिणा / अहराई एगराई भिक्खूपडिमाण बारसगं // 1 // अट्टाणट्ठा हिंसाऽकम्हा दिट्ठी य मोसऽदिण्णे य / अब्भत्थमाणमेत्ते मायालोहेरियाव हिया // 1 // एगिदियसुहमियरी सणियर पणिंदिया य सबीतिचऊ / पन्जत्तापज्जत्ताभएणं चोदसग्गामा / / 1 मिच्छद्दिट्टी सासायणे य तह सम्ममिछदिट्ठी य। अविश्वसम्महिठ्ठी विस्याविरए पत्ते य ॥१तत्तों व अप्पमत्तो नियट्टिअनियट्टिबायरे 'सुहुमे / उवसंतखीणमोहे होइ संजोगी अोगी य॥ 2 // अंबे अंबरिसी चेव, सामे असबले इय / सद्दीवरुदकाले य, महाकालेत्ति आचरे // 1 //