________________ कप्पइ तं रयाणं तत्थेव उवायणावित्तए // सू. 36 // वासावासं पज्जोसवियस्स निग्गंथस्स निग्गंथीए वा गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए अणुपविट्ठस्स निगिज्झिय निगिज्झिय बुट्टिकाए निवइज्जा, कप्पइ से अहे आरामंसि वा अहे उवस्सयंसि वा उवागच्छित्तए / सू.३७॥ तत्थ नो से कप्पइ एगस्स निग्गंथस्स एगाए य निग्गंथीए एगओ (एगयओ) चिट्टित्तए 1, तत्थ नो कप्पइ एगस्स। निग्गंथस्स दुण्हं निग्गंथीणं एगओ चिट्ठित्तए 2, तत्थ नो कप्पइ /