________________ समणस्स भगवओ महावीरस्स नव गणा, इक्कारस गणहरा होत्था / ॥सू. 230 // सव्वे एते समणस्स भगवओ महावीरस्स एक्कारसवि / गणहरा दुवालसंगिणो चउद्दसपुग्विणो सम्मत्त-गणिपिडग-धारगा / रायगिहे नगरे मासिएणं भत्तेणं अपाणएणं कालगया जाव सव्वदुक्खप्पहीणा, थेरे इंदभूई, थेरे अज्जसुहम्मे य सिद्धिं गए महावीरे| पच्छा दुण्णिवि थेरा परिनिव्वुया। जे इमे अज्जत्ताए समणा निग्गंथा / विहरंति, एए णं सब्बे अज्जसुहम्मस्स अणगारस्स आवञ्चिज्जा,