________________ महानिशीयसूत्रं भययनं / ते / तहाऽऽलोएमिऽहं सव्वं, तिलमित्तेपि न निण्हवं // 29 // तत्व जं पायरिछत्त, गिरिवरगुरुयपि आवए। तमणुचरेमि दे सुर्दि,जह पावे सति वि. लिजए॥३०॥ मरिऊणं नश्यतिरिएK,कंभीपाएसू कत्थई। कत्थई करवत्तजंतेहि कत्था मिन्नी उसूलिए घंसां घोलणं कहिमि. कत्थई छया भयगंबंधणं लंघणं कहिमि, कत्थर दमणमंकणं // 32 // गत्यणं वाहयां कहि मि, कत्यइ वहणतालणं / गुरुभारम्कमयां कहिच कत्था जमलारविंधणं // 33 // उरपरिठठिकर्डि भगं, परवसे तण्ड छुहं / संतायुवेगदारिदं विसहीहामि पूणोविहं // 34 // ता इहई चेव सव्वाप नियदु. धरिय जहरिग्यं / आलोइत्ता निंदिता गरहित्ता,पा. यच्छिन्तं चरितुणं // 25 // निहामि पावयं कम्म, इसतिसं. सारटुक्खयं / अभुरित्ता नवं घोरं, धीरवीरपरम्कर्म // 36 // अचंतकडयर्ड कठं, दुक्करं दुराचरं / उगुगयरं जिणाभिहियं सयलकल्लाण कारणं ॥३७॥पा. यरिधत्तनिमित्तेणं पारसंधार कारयं / आयरेणं तवंच. रिमो, जेभ सोमवई तणुं // 38 // कसाए विहलीकरहं इंदिए पंच निगह मणोवईकायदंडाणं,नि निगहं धणियमारंभे // 39 // आसवहारे निभेत्ता,चत्तमयमच्छर अमरियो / गयरागहोसमोहोऽहं.नीसंगो निप्परिग्गहो // won निम्ममो निरहंकारो सरीर अच्छतनिरिगहो। महल याई पालेमि, निरक्ष्याराई निधिो // 51 // हदी धी हा अ. हनीऽहै. पावो पागमती अहं। याविदो पावकम्मोऽहं पावाहमाहमयरोऽहं 42 // कसीलो भउचास्तिी, मिल्ल. रणोवमो अहं। चिलाती निक्किवो पावी, करकम्मीह 獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎