________________ महानिसीयसूत्रं :: HEAVERTE R सवे यासंति केवली // 5 // केवल नाणस ते गम्मा.गो. केवली ताई पासती / ओहिनापी विधागए, जो पासे मणपज्जवी // 8 // ता पुरिसं संघटती, कोण्हगंमितिले जहा / सम्वेन्सु सुसरावे,रंतुं मता महन्निान्तिाया। ' // 10 // चंकम्मतीय गाढाई, काश्यं योसिरेतिया। वावा. इज्जा य हो तिन्नि, सेसाई परिथावई // 10 // पायम्तिस्स गाइं, सवाईथा गोयमा / / अणालोइयंतो हुँ एक्कंमि, ससल्लमरणं मरे / / 102 // सयसहस्सनारीणं, योर फालिन्तु निरिघणो / सत्तलमासिए गम्भ, चडप्य. उते.णिजिंतई // 103 // जं तस्स जतियं पावं, तित्तियं तं, नवं गुणं / एक्कासि त्वीपसगेणं, साढू बंधेज मेहुणे // 10 // साहीए सहस्सगुणं, मेडणेकसि सेरिए / कोडीगुणं तु विजेणं, तइए बोही पणस्सई॥१०॥ जो साहू इ. त्वियं हरतुं, बिसयी रामेहिई / बोहिलाभा परिमठो, कहं ग्राओं स होहीइ 1 // 106 // अबोहिलाभियं कम्म,संजओ अह संजई / मेडणे सेलिए भाऊतेक्काए पबंधई।।। 107 // जम्हा तीसुर्वि एएसु, अवरमंती हु गोथमा।। उम्म. गमेव ववहारे, मग्गं निवः सव्वहा // 10 // भगवंता एएण नाएगंजे गारथी मउम्कने / रतिदिया .. इति, इत्यीयं तस्स का गई ? 109 // ते सरीरं सहत्येयं / छिदिमां तिलंतिलं / अरगीए जवि होमंति, तोऽविसुड़ी ण दसई॥११०॥ - तारिसीवि गिविति सो, परदारस्य जड़करे। सावजधम्मं च पालेश, गई पावेश मन्झिमं // 111 / / / मथ सहारसंतोसे, जाभवे मज्झमं गई। ता सरीरेऽवि होमतो, कीस सूटिंग पावई ? // 12 // सहारं यरदारं जा, इत्पी पुरिसोव गोयमा!!रमंतो बंधए यावं.यो 聽聽聽聽聽聽聽聽聽聽聽聽聽