________________ BARBARRRRRRRE 10167 Est श्री आगमसुधा सिन्धुः। दशमो विभागः मेस्कस्सवि अभावे // 7 // तस्सनि यसकंगाई नाणारितिगम्स खंतिमाहीणि / तेसिं चेमकेम्पयं जन्यागुजह स गरछी // 5 // पुटविंदगीगणि ऊषण कर नह नसाय निविहार्ग। मरणंतेऽविण मासा कीरद पीतयं // 56 // जन्म य बाहिर पाणस्स बिंडमेतंपिगेम्हमाहीसुं। नण्हासोसिथपाणे मरणेवि मुणी ण छति // 6on ". जत्थ यसलविश्य नभयरे वा विचित मायके / उय्यन्ने जलयुज्जालगाई ण करेंति मुणी तयं गच्छ॥६॥ जत्थय तेरसहत्ये मज्जाओ परिहरंति णाणहरे / मणसा सुथदेवयमिन सब्वमवित्थी परिहरति // 62 // इसतिहासखेड्डदप्पणाहवाई ण कीरए जत्था धारण डेवण लंघण ण मयारजथाउत्थरणं // 13 // जत्पिन्धीकरफरिसं अंतरियंका वि उप्यन्ने। दिस्तीनिसास्तिग्गीविसंगजिजइ सो ॥६॥जत्थित्पीकरफरिसं लिंगी भरहावि सयमवि करज्जा / तं नियओ गोयस! जाणिज्जा मूलगुणबाहा // 65 // मुलगुणहिउ खलियं बटुगुणकलिपिलदिसंपन्नं। उनमकुलवि जायं निदाज्जिइजहि तयं गरजं // 66 // जय हि.पणसुब्वणे धणाधन्भे कंसदसमलिहाणं / अयणाण आसणाण यन य.परिभोगो सेतयं गच्छ॥1॥ जय हिरण्यसुव. एणं हत्यण परागपि नो हिरो / कारणसमप्पियपि हरवणनिमिसटुंपितं गरgin६॥ दुद्धरबंभव. थपालगदर अजाण चवलचित्तागे / सससहस्सापरिहारगणवी जत्पत्थितं गर।६९ जत्युत्तरपतिउत्तरेहि अजा उ साहुणा साहिं / पलवंति सुधावी गोयम ! किं तेण गण 2011 ssssssssssssss