________________ ॐReseases [12] श्री आगम सुधा सिन्धु 1 नवमो विभागः मोनूण वेदमूटं आदिल्लाणं तु र्णात्य पोडे सेहो / बुग्गाहण भण्णाणे कसाथमुठो य पडिकुडो // 197 // व्यच्चित्तं चित्तं मोसा जो अणं तु धारेति / समणाण व ममर्णा व ण कय्पते नारिये दिस्या // 49 // अयसो य कित्ती या संमूलागं हें पवयण - स्स : अण चोप्पड मडिया सव्वे एतारिसा मण्णे | 099 / / बितिथपद दाणतोसिय अहला वीसज्जितो पण तु / अदाण पर.. विदेसे दिवसा से उत्तिमट्टे वा दारं // 50 // चउरो य जोगथा खलु जाती कम्मे य सिप्प सारीरे / जाती य पाण वाडा डोंबा णिक्कारमादीया / / 501 // पोसगसंबरणडलववाहसोरियर्माच्छगा कम्मे / पडकारा य परीमह रज-- गा कोसेज्जगा सिप्पे // 52 // करपादकण्णणासियमोहविहणा य वामणा वडमा / सुजा पंगुल कुंटा काणा पने अदिक्या य॥५३॥ च्छा यहोति विगला आरियन्तंग कप्पए तेसि / सीसो हावेयम्बो काणगहिसो य णिण्णाम्म // 50 // जे पुण जाती जुंगित जाती कम्मे (मिप्ये) य तिणि विण दिक्थे / बितियपदे दिक्येज्जा इमेहि अ कारणे तु // 505 // जाहे य माहणेहिं परिभुतो कम्मसिप्पपडिरतो / भदाण परविदेसे दिक्खा से अब्भणण्णाया वारं // 506 / / कम्मे सिप्ये विज्जा मंते जोगेण चेव ओबद्धे / समणाण व समणीण व कप्पए तारिसे दिक्या // 5.7 // कम्मतु उड्डमादि सिप्प सोक्यज्जते गुरुनदेसा / लोहारादी तं पुण विज्ज कला लेहमादीओ // 50 // अहवा विज्ज ससाहण मंतो पुण होति पठियसिद्धो तु / वासकरणपादलेवादि ततो उ जोगा मुणेयव्या 59 // गोबालादी कम्मे ओबद्धा छिण्णधिन्नकालेणं / दिण्णा आदण्ण भतिया दिण्णभतीया ण कप्यति // 510 // सिप्पादी सिक्संतो सि सावितस्स देंति जा सिक्थे / गहिनम्मि वि सव्वं पी जाँच्चरकालं तु ओबद्धो // 51 // बंध वहो रोहो वा हविज्ज पारताव संकिलेसोवा | ओबद्धम्म दोसा अवण्ण सुते य परिहाणी // 512 // मुक्को व मोइओ वा अहवा वीसज्जितो गरिदेणं / अदाण पनिदेसे दिक्सा से अब्भणुण्णाथा ।दारं // 513 // दिवसभथएव जत्ता भत्तीय कव्वा REPRESS