________________ JERRRRRRRRRR [7] श्री आगम मुथा मिन्युः .. नवमी विभागः या ऊणो किंचि // 100 / / वसंत स्वीमि व जो वनु कम्मम्मि मोहणिज मिामल्यों न जिणो वा अहसाओ संजती सपत्नु // 11 // एतसि समोतारी विही व्यहाण नह पहाणे वोच्छीम भाणु पुब्धि जो जत्थ समाधति लेसि 4102 // जर गुवसंपज्जणता सव्वेसिं चैव पुच्छियध्याओ।नाकरण जहाकमसी तेसि इणमो उ बोच्छामि // 1.3 // पुत्लागौ तु पुलागतं जहमाणो जहर से पुलागतं। उवसंपज्जेऽसंजम अहवावि कसायसीनं तु ॥१०४॥बउसो य ब.उस्सत्तं जहती पडि सेवणं कसायं वा। संजमसंजम अस्संजमंच पोडवज्जती सोतु // 105 // परि-सेवणाकुसीली विजइति पाउसेवणाकुसीलतं। बउसकन्सायकुसील परिवज्ज असंजम वावि॥१.६॥ अहवावि संजमा जम तु परिवज्जती ततो सो उ। जोऽवि कमायकुसीली विजहति सो तू कसायन // 10 // पुलगं बउसं वा अखा परिसेवणाकुसील तु। परिवज्ज निया वा अ-. हुवावि असंजमं वा ॥१०॥अहवा संजमसंजम उक्सपज्जे तु मो चुतो तत्तो। णियंढ उणियंहत्तं विजहति तत्ती चुतो संतो॥१०॥उवसंपज्जे कसायं सिणाय अहवा असंजमं वावि। विजहति सिणायग सिपायगो उ चुतो ततो // 11 // उपसंपति तत्तो सिटिगति सी पहीणकामसे। एसी तु णिथंडाणं समोथाशे मंजयाणेत्ती // 111|| सामादिमजतो तू सामाइयत्तं जहंत किं जहति / किं वा उपसंपज्जे एवं पुच्छा उ सच्चसि // 12 // सामाइगन्तं जहती सामाइय संजते चूने तत्तो। छेटुवहाणियं वा पाडवज्जति सुहुमरागं वा.।।११३॥ अहवाचि संजमा संजमं च अस्संजमं च पाडवज्जे / छेदु वहावणिए पुण वि जति से छेदुवडवणं // 114 // परिहारीवसुद्धीयं अह्मा / वी सोतु सुहृमरागंतु। अस्संजम संजमसंजमंच पोउवज्जती अहवा।।११५॥ परिहारीवसुद्धीओ विजोत व तत्तो चुतोऽवितं चैव / उपसंपज्जति छदं भ. हवाचि असंजमं सौ तु // 16 // विजहति सुहुमसरागो तत्ती चुतो सुहमसंप - रायत्तं उवसंपति सामाइसंजमं दमहवा वि // 10 // अहव अहक्यायं तू अस्संजममहब सो उपडिवज्जे। अहवसायसंजतो पुण अहसाय विजहभाणो // 11 // जति अह कसायन उवसंपजे तु सो चुतो तत्तो। सुहुर्म च संपरायं अस्संजासद्धितिमहवा // 119 // एस समोतारो सलु अहवावि गियंसंजएसुंतु। संजयजिग्गंधेसु अवरोप्परतो समोनारी / / 120 // पुलगबर FFFFFFFFFFFERE