________________ BREARRERY [6] श्री आगम सुधा मि-धु 0 नवमो विभाग णिो तदिती त घेव णामगोत्तेहिं / इस्सरियाइगुण भगो सो से अधित्ति तो भगवं // 14 // भहं कल्लाणं ति य एगह तं च सुबहुयं जस्म / सो होति सुबहुभही सौभणभट्टो सुभदोत्ति ॥१५॥वीरामवमादीणि तु सुभाणि अाणि तस्य सुबहणि। सबओ इहपरलोए भई तो सवतो भहो / / 16 / / आमोमहोद इह भ६ परलोए होतऽणुनरसुरादी। मुकुलुप्पत्ती य तो ततो पच्छा य गैव्वाणं // 17 // भातित्ति भहमहवा भाई णाणादिएहिं सो जम्हा। सो होति भद्दणामो कुति भद्दाणि वा जम्हा ॥१॥पवयण दुवालसंग तस्स हितो जं करेत वोच्छित्तिं / संघो तु पवयणं तू हितोवदे में अतो त. स्म // 19 // केतूसही उसिए ऊसियं तुगं तु तस्स तु मुहे तो। इहलोए पर. लोए सो भगवं होति परमसुही // 20 // वाथणयपभावणथा मुतणाणंगणा य जे वदति लोए / विउसपरिसाए मझै सुतणाणपभावणा एसा // 21 // कि कारण तस्स को महया भत्तीय तू णमोक्कारी / जम्हा तेणं जूम अम्द हियाय सुन्न इमै // 22 // आयारदसाकप्यो ववहारो णवमपुचणीसदो। चारित्तरक्क्ष्यणहा सूयकरस्सूपरि रविता // 23 // अंगदसा अण्णायि ह उवासगादीण तेण तु बिसेसी। आधारदमा उ इमा जेणेत्यं वणिया यारा // 24 // दसकप्पव्यवहारा एग सुतकबंध केइ इच्छति / केई व दसा एक्कं कप्पवरहार बीयं तु // 25 // रयणागरधाणीयं णवमं पुव्वं तु तस्स जणीसंदी। परि. गाल परिस्साबो एते दसकप्पयवहारा // 26 // किं कारण णिज्जूठा चरित्तसारस्स रक्यणहाए / वलियन्स टहिं सोही कीरइ तो होति निकवड्यं // 20 // सूयकडुवनि उविता जम्हः तं पंचवासपरियाए / स्थकरमहिज्जति तू तो जोगो होति से सेसि // 2 // अणुकंपायुच्छेदो कुसुमा भेरी तिणि - छ परिच्छा। कप्पे परिसा य तह) दिदाता आदि सुत्तम्मि // 29 // ओमप्पिणि समणाणं हाणिं णाऊण आउगबलाणं। होहिंतुबग्गहुकरा पुलगतम्मी पहीणोम्म ||३०||स्वेत्तस्स य कालस्स य परिहाणी गहणधारणाणं चाबलवीरिए संघयणे सद्धा उच्छाहता चेव // 31 // किं येतं कालो वा सं. कुयली जेण तेण परिहाणी / भन्नइ न संकुयंती परिहाणी तैसि तु गुणेडिं // 32 // भणियं च दूसमाए गामा होहिंति तू मसाणसमा / इय कारण (स्पेत्त)गुणहाणी काले विउ होहिमा हाणी // 33 // समए समएऽणंता परिहायंते उ वण्णमादीया। दव्यादीपज्जाथा अहौरतं तत्तियं चेव // 34 // दूसम अणुभा