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________________ [30] श्री आगम मुधा सिन्धु 1 नवमो विभाग भस्म अणोदृच्छिन्नरस सहस्स दे देत वा साइजः // 06 // जे भिक्खू खुइगरस वा जाव धेरियाए वा २-धच्छिन्नस्स आव ओहरिनास अस कस्स न देव नदेंते वा साइज 153 // . जे भिम्प्यू पडिह - लं अधर अधुवं अधारणि धरे धरेत वा साइज // 8 // जे भिन्लू अल घिर धूवं धारणिनं न धरे नधरेतं वा साइज 159 // 109 // जे भिक्खू वामन्तं पडिह विवां करेइ करेंत वा-साइच्य० 10 // जे भित्र विवण्णं पडिग्रहं वण्णमन्तं करे। करेंत वा-साइज्जयासु-११ " जे भिवाव 'नो नए मे पडिग्गहे लहेतिकरटु तेल्लेण वा घाण वानव जीएण वा वसाए ला मोघ वा मिलिंगेज्ज वा मम्वंतं वा भिलिंगनवा साइच // 1 // जे भिवम् लोडे वा कक्केण वा गुणेण वा वvणेण वा उल्लीले जवा जवलेज वा डल्लोलत वा उचलं (ई)तं वा मारमा ॥स०१३॥ जे भिक्खू सीभोदावियरेण वा जाब सियोदशवियडेण का उच्छो लेख वा पधोएज वा छोलत वा पधावन वा साजन // 14 जे सरण तेल्लोण वा जाव पसाएवा लादो वा आव वण्याचा सीओदगवियरेण वा जाव साइज सू० 15.17 // जे णवर मे पठिाहे इतिकह एवं होगमा भापियवा सू०१८.१९॥ जे णवर मे सुहिमगंधे पडिहे. ली इतिकर जाव साइजम०२०॥ बहु देवसिगुण मीओदगवियडे का जान साइजद "सू०२१-२३॥ जे नो नवए सुभिधणवि दो चेव गमा,जे दृडिभगधे पडिरगहे मलेति- भिगंधण दो चेव गमा ोयना 1740 म०२५ 26 // जे भिकए भतरहियाएर पुढधीर जाव जीवपतिहिते सोंजाब समकमसि चलाचले सजिगहगं आयाबेजमा पचानवा आयावतं वा पयार्वतका साइजद॥०३०.१०॥ एवं जे भिम कुलियासिवाजाव लेलयास वा सपडिहगं आयावे वा पयाजना आयावंतंग पथावंतंवा साइजइस०११॥ जे भिक्यू खंधसि जाव पासायोमबाअनयरंस वा अंतरिक्ख आयसि सपडिहां भायानेज का पथावेज्जा आयाते वा पयावत वा साइजइ 11 ॥सू०४२॥ जे भिक्षू पडिगहाभी पुटवीकार्य भारकाय कायं नीहर नीहराबेदनीहरिब आठरार देजमाणं पहिंग्या पडिशारत वा साइज ". 63 // जे भिक्यू कंद्राणि ना मूलानि 獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎
SR No.004370
Book TitleAgam Sudha Sindhu Part 09
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendravijay Gani
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year
Total Pages294
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_nishith, agam_bruhatkalpa, agam_vyavahara, agam_dashashrutaskandh, agam_jitkalpa, & agam_panchakalpa_bhashya
File Size7 MB
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