________________ 212 श्री आगम मुधा मि-धु: :: नवमो विभागः डाणुपुव्वीए // 2633 // तिविहो डवणाकप्पो कुले गणे चेव तह य संघे य। एतेसिं पलवणयं वोच्छामि महाणुपुबीए // 2624 / कुलधेरेणं गणेण व जा मेरा हाविता भवे शियमा / सो कलहवणाकय्यो एव गणे डोति संघे य // 2625 / केरिसया पुण धेरा कुलगणसंघाण डोंति तु पमाणं?। भण्ात सुण. सू इणमो जेहिं गुरोहिं तु ते जुत्ता // 2636 / / कय्याकविडिण्णू सुत्तत्थविन्सारदा सुतरहस्सा / जे चरणकरणजुत्ता ते सुद्धणयाण तु पमाणं // 26275 कय्याकविहिण्णू सुत्तस्य. विसारदा सुतरहस्सा / जे चरणकरणहीणा ते सुद्धणताणभ इयव्वा // 2638 // तव्या मलु कज्जा असती चरणदिडयाय घराणं / हीमो विसुयसमिद्धो मझत्थो डोति तु पमाणां // 2639 // कह पुण डाविनंते ते उ पमाणं तु तेसु डान्सु.. कुलगणसंघा धेरा भण्णाति इणमो णिसामेहि // 264 / / इच्छाकारणिउत्तो पियधम्मो लिण्ड कोइ एक्कतरो। सो होति तिगत्थेरो तिगचरित बियाणतो धीरो // 2641 / / णातूण गुणसमिद्धं जोगं तु कुलादिधेरहाणरस / कालूणिच्छाकारं कलादिगो बति तो इणमो // 26 // तुझे डोह पमाणं कुलथेरा धेरडाणजोगं तु / एवं कलादीहिं तिगधेरा तू हविनंति // 2643 // तिगचरितं जाणइ ति चरितं मज्जातमेर एगहा / तं तु तहाविहि जाणति तिण्ड पि कु. लादिहागाणं // 2644 // पासत्योत्सण्ण-कुसीलडाणपरिरक्स. तो दपक्से वि। सो होति निगत्थेरो लिगधेरगुणेडिं उवउत्तो // 2645 // पासस्थादीडाणे ण वट्टती एस. रस्सओ होति / अहला सति सखाए पासत्थादी वि पालेति // 2646 // परि. इज्जते रागादिरवियते साइन्साइणि दुपमये / अहवा अप्पा परे तिगधेरो संघधेरो तु॥२६॥ एसो तु लिगत्थेरो तिगधेरगुणेडिं होति संपण्णी / अहणा वीसुवीयु कुलादि. धेरे पवक्ष्यामि // 26 // चरणकरणे समग्गो जो जत्यजदा कुलप्पडाणी तु / से होति कुलत्थेशे कुलचरितवियाणभो 獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎