________________ 獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎 श्रीपञ्चकल्प भाध्यम [211] // 261 // अण्णा उण्णमणा Uण गामणि डवणा पभावणा रियार। तभडियमज्जाता कम्ये मग्गे यणाए य॥२६१८॥ संगह संवर गिज्जर घिरकरणमछद जीत डिठपय पययनरं चैव तहा वीम अण्णाए णामाई // 2617 // अणुण्णवइत्तगुपणा उण्णामिय ऊन्सियं ति उण्णमणी / गिहिसाहिं गोमज्ज. ति तम्हा ऊ होति णमण ति // 2620 / / सुतधम्मचरणधम्ने गामयती जेण णामणी सम्हा / 3. विमओ आचरियते जम्हा ऊ तेण हजगंति // 1621 / ढवितो गणार्डिवले होति पभू तेग प्रभवो सध्यसि जाणादणं हो. ती पभवो पभूध त्ति एगहा / 2622 // आयरियाले पभविते तण नियाले उ दिज्जाले गणो से / तदुभयोडेय ति भप्रणात इहपरलोगे य जेण हित 26 / गणधरमेर धरती जम्डा- ऊ तेण होति मज्जादा / करोणिज्जो कप्यो ति य कयो गणकप्य समोण // 2624 // गाणादे मोक्समग्गो सो तमि हितो त्ति तो भवाते मग्गो / जम्हा उगायकारी णाओवाए. स तो गातो 12625 // दब्वे भावे मगहो दले आहारवत्थमादीडिं / भावे गाणादीहि तु संगिण्डति संगडो तेणं॥६६ / दुबिडेण सवरेण इंदियणोदिहि जम्हा तु / अप्याण गणं च तहा संवरयति संवरो तम्हा // 2627 // गणधारणनगिलाए कुणमागो णिज्जरेइ कम्माइ / अण्णे य गिजराने तम्हा तू णिज्जरा होति / / 2628 // बालेरिता लता इन पकंपमाणाण तगणमादीणं / डोति घिरानडंभो तकव्व घिरकरण तेगं तु // 2629 // जम्हा तु अनोच्छिन्ती सो कुणती पाणचरणमादीणं / तम्हा सलु अच्छेदं गुणप्यसिद्धं हरति णामं // 1630 // तित्थकरेडिं कथमिणं गणधारी तु तेहिं सीसायं। तत्तो परंपरेण आयमिणं तेण जीयं तु // 2631 // बइठा णाणचरणे गणं तु तम्हा उ तेग बुटिपदं / पर पहाणमेतं सयोन्स रायदेवाण // 2632 // इति एसऽपुण्णकय्यो ज. डाविही परिणतो समासेणं / डवणाकय्य एन्तो वोच्छामि अ