________________ 獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎 [210] . श्री भागम मुधा मिन्धु नवमो विभाग संबच्छामि बितिए सब पवाययंतस 11/128.1 // पुच पच्चुट्टेि परिछियाए उ जंतु सच्चित्तं / संबच्छरंमि पढमे तं सब पवाययंतस 11 // 2602 // मेत्तुवन्संपायरिभो मुहटुक्सी चेन जति त संहविओ। कुलगणसंघिच्चो वा तस्म इमो डोंति उ विवेगो / 2603 / / संबच्छराणि दुर्णिण उ सीममि पाडेच्छाम्म ल. दिवस / एवं कृलिच्च गणिच्चे संवच्छर संघ धम्माया // 26 // तत्धेत य गिम्माए अणिनगर निगए इमा मेरा / सकले तिणि लियाई राणा संवच्छ सधे // 26.5 // ओमादिकारणेडिं दुम्मेइत्तेण वाण निम्मातो / काऊण कुलसमायं कुलधेरे वा उव. डेति / / 2806 // गन हाथणाइ नाहे कुलं तु मिकमानए पयते , णय किंचि तेसि गिण्डति गणो दुर्ग एग संघो उ / 2607 // एतदवालसहिं समाहि जदि तत्थ कोति णिम्मातो / ता गिति अणिम्माप पुणो कुलादी उबदहाणा // 2608 // ते. गेन कमेणा तु पुणो समाओ हरति बाम उ / णिम्माए बिहती डहर कुलादी पुगोवडा // 2609 // तहनि य बारसमाओ जि. म्माओ सो मि गणधरो डोति / तेण परमऽणिम्माते इमा विही होति तेरियं तू // 26 // छत्तीमातिने पंचनिनसंपदाए तो पच्छा / पत्तं स्वयंपादे पबज्ज तु एगपम्यमि // 2611 // पव्यज्जाए सुतेण य चतुभंगो डोति एगपरमि / पुवाहितीसरिए, पठमाम. ति नतियभंगे // 1612 // सवस्म नि कायव्य गिच्यओ कि कुनं न अकुलं वा / काले सभावममत्ते गारवलज्जाए काहिनि / / 2613 // एमऽणुपालणकप्यो अgणाऽगुण्णातो गंदिसु तेहि / सिद्रो अण्णकय्यो गनगदहाणि बोच्छामि // 2614 // किम -गुण्ण कम्मऽपुण्णा केवतिकालं पत्तियाऽ गुणा / आयोरेयत्र सुन वा अपुण्णबइ जंतु माणुण्णा // 2615 // यस्म तिमी- / सरस त गुनगुगजुन्नथ्य होय ऽगुण्णा उ / केवति काल पबिती आ. ! दिकरणसभसेगन्स // 26160 एगदिहयाणि तीय उ गोण्णाइं . हति णामधेन्नाई। वीस तु समामेणं वोच्छामि ताणिमाई तु 獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎