________________ [208] श्री आगम सुश लि- समो विभाग बसे सोन्यलु कालातीत नसतो तु॥२५६९ / वासावासपमाणं आयारे उ प्यमाणित कप्पे / एयं अणुम्मुयंतो जाणमु अणुवामकप्यं तु // 2570 // " आधारपकय्यमी जह भणियं तीति संबन्मतो नि। होति अणुनासकप्पो तह संबमाणदोसा तु ॥२५७१।दुबड़े विहारकाले वासावासे तहेव उडुबद्ध / मासातीते अ. गुवाई वासातीते भने उनही / / 2572 // उड़बद्धिपसु - दहमु मासातीनेसुं तत्य वाम ग तु कम्ये घेणं. उवहीं , घल वासातीतेसु कप्पति भू // 2573 // वासउडु महालंदे . इत्तिरि साहारणे पुड़ते उगह संकमणं ना अण्णोण्णसकासऽहिज्जते // 257 वासामु चउम्मासो उडुबद्ध मासो लंद मंच दिणा / इत्तिरिओ सरसमले वीसमणदहा हितागंतु // 2575 // साहारणा तु एते समदिडताणं बहण गच्छाणं / एक्कण परिगडिता सब्ने मोहित्तिया होति / 2506 // संकमणण्णमण्णरस सकासे दि तुने अहीयते / सुत्तत्थतदुभयाइ संधै अहवावि पडिपुच्छे // 2577 // ते पुण मडलियाए - बलियाए व तंतु गेण्हेज्जा / मंडलियमहिज्जते मच्चिनादी तु जो लाभो // 257 // सोतु परंपरएणं संकामति तार जान मदहाण / जहिय.पुण आवलिया तहियं पुण अंतरे डाति // 25 // ते पुण हित एस्काए सहीए अहव सुप्फकिण्णा तु / अहवा वितु संकमणे दबरिमणमी विडी अण्णो // 25 // सुत्तत्यतदुभयविसारयाण थोचे असंततीभेदे / मकमणदव्वमंडलि आलियांकप्पभणुनासा // 25 // पुवदिहताण ते जदि आगच्छेज्ज अण्ण आरिभो / बहुसुय बहुआगमिओ तक्स सगासंमि जति लेती // 52 // कांच अडिजेज्जा ही धोनं घेतं चले जदि हमेज्जा / ताहे असपरंता दोणि विमा विसज्जेंति / / 2583 // अण्णोण्णस्स मगामे तेसि पिय तस्य विज्जमाणाणं / •आभवणा तह चेव य जह भणियमणंतरे सुत्ते / / 25 / / एवं णिव्याघाते माम चतुम्मामितो उ घेराणं / कप्यो कारणतो पुया 獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎