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________________ 聽聽聽聽聽聽聽聽聽聽聽聽聽 श्री पञ्चकल्प भाष्यम् .. 2071 उग्गडो जार जोयण सकोस / गगरे पुण नमडीए निकाले उ बद्धि मासो तु // 2554 // उस्सग्गेणं भणिो अपनाए तु होज्न अहिओ नि / एमेव य भासामु वि चतुमासो होज्ज अडिओ वि // 2555 / / अममत्त अपरिकम्मो उम्मभो एत्य भंग चउरो उ / उपसगोगं पठमो तिणि उसेसावनादेणार५५६॥ भन्ने लेवकडं बालेवकडंबा नि ते 3 गिण्डंति / सत्तहि वि उसणाहि सानेबलो गच्छवासोति // 2557 // अहलंदियाण गच्छे अमडिबद्धाण जह जिणाणं तु / पावरं कालविसेसो उबासे पण चतुमासी // 2558 / / गच्छे पडिबद्धाण अहलं. दीणं तु अह पुण विसेसो / उगहो जो तेसिं सो आयरियाण आभवति // 2559 // एगनसहीए पणगं छब्बीडीओ ब गाम कव्वति / दिवसे दिवसे अण्णं अति वीडीइ थियमेणं / / 256 // परिहारविसुद्धीणं जडेन लिणकप्पियाण मन तु / / आयचिल तु भत गेण्हती वासकथ्य च / / 2561 // अज्जाण परिगाड़ियाण उग्गडो जो तु सोनु मारिए / काले दो दो मामा उडुबद्धे नाति कथ्यो Tiran सेस जर बेलायं पिंडो य उनस्सओ य तह तासि / सो सन्चो वि य दुक हो जिणकप्यो धेरकय्यो य / / 2563 // जिणकप्पि-अहॉलं. दी- परिहारविमुद्धियाण जिणकप्यो / धेरागं अज्जाणा य बोधब्बो धेरकय्यो उ // 2564 // दुरिहो य मान्सकप्यो जिणकप्पो चेव धेरकप्यो य / गिरणुगाहो जिरा घेराण अणग्गड़पनत्तो // 2565 // उडवासकालतीत जिणकप्पी तु गुरुग गुरुगा य / होति दिणमि दिगंमी धेराणं ते यिय लडओ // 2566 // तीस पदावराहे पुदडो अणुनासियं अणुमतो / जे जत्य पदे दोसा ते तत्यथगो समावण्ये / / 2561 / / पण्णरसुग्रामदोसा दस एसणवोस पते पणुवी / संजोयणादि पंच य एते तीस तु अबराहा // 25 // एतेहिं दोसहेिं जदि असंपत्ति जगाती तह वि / दिवसे दि.
SR No.004370
Book TitleAgam Sudha Sindhu Part 09
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendravijay Gani
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year
Total Pages294
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_nishith, agam_bruhatkalpa, agam_vyavahara, agam_dashashrutaskandh, agam_jitkalpa, & agam_panchakalpa_bhashya
File Size7 MB
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