________________ *RRRRRRRRRRRRIA . [194] श्री आगम मुदा सिन्धुः० नवमो विभाग तस्स दुम्स पर दुहिए // 2239 / मायारे वीनो आयरपरूवणे असंकियो / आधारपरिभट्टो मुद्धचरणदेसणे भइओ // 224. / / तिस्थगरे भगवंते जगजीववियागए तिलोगगुरू / जो न करेइ पमाणं जसो पमाणं सुतधराण // 2241 // तिथगरे भग. वंते जगजीवनियाणए तिलोगगुरू / जो उ करोति पमाणं सो उ पमाणं सुयधराण // 2252 // संघो गुणसंघातो मंघो य लिमोयो य करमाणं / रागहोसनिमुक्को होति समो सव्वसाइणं // 233 // परिणामियबुद्धीए उननेओ होति समणसंघो तु / कज्जे गिच्छितकारी सुपरिच्छितकारओ संघो // 2344 // एक्कासि दुबे व तिणि व पेम. विए गएड परिभनेणं तु / आणातिनकमणिज्जूडणा नु आउट्टननहारो // 2245 // आमासो वीमामो सीतघरसमो य होति मा भा. ती / अम्मापीतिममाणो संघो सरणं तु सम्वेसि // 2346 // सीसो परिच्छाओ ना आरिओ वा ण सोगगति गति / जे मच्चकरणजो.. गा ते संसारा विमोएंति // 30 // भीमो पडिच्छओ वा. आर. ओ बानि ते इह लोगं / जे सच्चकरणजोगाते संसारा निमोएंति // 234 // सीमो पडिच्छमो वा कुलगणसंघा ण सोग्गति णेति / जे सच्चकरणजोगा ते संसारा निमोएति // 2244 // सीमो मच्छिओ ना कालगणसंघो व. एति इहलोए / जे सच्चकरणजोगा तेस. सारा विमोएति // 2350 // सीसे कुलिच्चए गणिच्चए व संघिच्चए च समदंरिसी / नहारसंघवेन्मु य सो सीनघरोनमो संघो // 2251 // गिडिसंघातं ज. डितुं संजमसंघाततं समुनगम्म / णाणचरणसंघातं संघाएंतो हन. ति संघों // 2352 // णाणचरणसंघातं रागहोसेहिं जो वि संघाने / सो संघाए अलुडो गिहि संघातम्मि अप्याणं // 2253 // नाणचरणसंघातं रागहोसेडिं जो नि संघाए / सो भमिही संसारं चतुरं. तं तं अणजयग्गं // 2354 // दुम्सेण लभति बोहिं बुद्धो वियन लभते चरितं तु / उम्मग्गदेसणाए तिस्थगरासायणाए य // 2255 // उम्मगादेसणाए संतस्स य छायणाए मगास्स / बंधति कम्म. रथमलं जरमरणमणतगं घोरं // 2256 // पंचविहं उपसंपद णा FERESERRRESS