________________ BARSARRRRRRRE [193] श्री पन्चकल्प भाध्यम कज्जन पानाने सति बले अगच्छतो। अण्णाइया न मोहावणादि सि च जज्जा // 22 // सोऊण मघामह धनिजंघे बिहोति आगमण / धूलीपणिमिन बहारो जवाटिडतो होति।२२३॥ मोऊण मष-मह धलीजो उ आगतो संतो। बिनह नहरमाणे मा इ समाएण गरेइ // 27 // गिद्ध महरं णिमान कितिकम्म विजाजएम जंपतो / सच्चिने खेतमीसे अन्धधर णिहरेउ दिन्महरणं। 2325 // भिम्यू य मुमावादी चवहारे नइयामि उसे सुन उच्चारेती अह बहुपक्या इमं होति / / 2326 // रागोण ज दोसे च पक्म्यगाडणमि एक्कमिक्कस्म / कज्जमि कीरमाणे किं च्छति सघमज्यस्थो // 37 // रारोण दोमेण व पक्षपाडणेण एक्कमेक्करमा कज्जमि कीरमाणे अण्णो नि भणेतु ना कोई / / 232 // कुतगणघडवण उहग याणानि देसिओमि भई / अण्णेण विना कति कम्पति इह जंपितु किंचि // 52 // संघेण अगुण्णाए अह जपति सो नहि गुणसमिद्धो ननहाररितिक्रमलो णमागतो नयं संघ // 33 // सघो महाभावो अहं च देमिओ इडं भंते / मघमिति ण जाणे न भेसच्च समामि // 2331 // देसे देने हवा अण्ण अण्णा य होति समितीय / जतिन्येह ऽभिण्यातं वेदेमिओऽहं यजागामि ॥२३३२अणुमायोत्ता एवं नाहे भगुण्णाए जंपए इयो / परिसा वनहारी य इमे गुणेन समासेण // 2233 // परिमार बहारी मज्नस्था रागदोमणिहया / जटि होति से निपसाब वहरित नो सुह होति // 2334 बुने वापरेण नदि उ जनहारिजो तु जपेज्जा / गुण तुम्हे मण्याड मझ सब्धिम्कनयण ति॥ / सेसा तु मुन्मावादी सच्चपरिष्भडगा कि सब्जे / भण्णानि मु. गेह पत्थ. भूलस्थमिण समामेणा // 2336 // ओमण्णचरणकरणे सच्चन्ननहारत इडिया / चरणकरण जहंतो सच्चव्ननहार. न यि जहे 19 जहिया अमोगा चन्न अप्पणयं गाणदंसणचरि. न। नइया नव्या परेर गएकंपा जन्धि जीनेसु // 2238 // भवस्यसहस्सदुलह निणय भाव मे जहतस्म / जस्स ज जायं दुकान REFEREFFFFFFFFFER