________________ [16] श्री आगम मुधा सि-युः 0 नवमो विभाग: विसणकप्पो एसो एनो वोच्छामि अंतराकम / संमेव पिडिया गुस्वएम जहा कमसो // 2205 // पंचडाणससंया बारसगं चेव तिणि वितियाण / अन्झस्थणाणकरणदंडयाए सो अंत. शकप्पो // 2206 // सामादि संजतादी पचह चरणं न तोस ए. कोक्क। मंजमाणमसंसा एक्केके तत्थ डामि // 2201 / / होति अगंता चारितपज्जवा ताणसंलगुणियाणि / एक्के संजमकंडगा कंडगसंसा य घडाणा // 220 / छहाणा मं. खेज्जा मंजमसेठी तु होति बोधव्वा / मामाइय-छदसंजमः . ' ' डाणा गर्नु असंन्यज्जा // 2209 // परिहार- संजमहाणा नाहे त. ग्गांति ते वितु असला / गंतूण होति छिन्ना ताडे तत्तो पुणो परतो // 2210 // नइति जा असरमा सामाइ-दसंजमहाणा / सामादि-छेदहाणा नाहें छिन्जा हनंती 3 // 22 // नो मुद्द मरागडाणा तेचि असंज्ज गंतु बोच्छिन्ना / तस्म अपच्छिमडाणं अयंतगुण डटतं णियमा // 2212 // एक्कं परम. विन्मुद्धं होति अहवामायमंजमडाणं / पचमसम नि गतं बास्स. गं बारपडिमाओ // 2213 // सुद्धपरिहारचतुरो अपरिहारी वि ए. मकप्पहिलो / एते निरिणतिया सानु एतेमि एक्कमेकस्म // 2214 // अंतरगंजमडाणा होति भन्मन्या तु नेसि सन्वेसि / होनि दुविहा तु मोडी करणे अज्झन्धतो चेव // 15 // ता दोनी कायना पाणदहाए मृतोपउनेणं। एसो अंतत्कय्यो गथकप्पमियाणिवोच्छामि॥२२१क्षा सव्वेसि पिणया आदेमणायंतर मि मदहाणे. / एम नरकप्पो पुचपतविमालमादी 2010 मब्बे वगेगमादी आदिमति जो वायो नुमा देसो गयनो अण्णो निणओ यंतरंडोति पाटावं मडगणे मदहाणे सने बलिया इति सबि. सते। एसो णयकप्पो तू पुव्वगतंमी समक्याओ // 2219 // उप्पाद पुत्व विमान त आदि का समावेमु / भगिती उपविभागो एन्ध चोदेति अह सीसो // 220 // कम्हा कालियमुने या तु समोयरति हु कह वा /