________________ [181) श्री पञ्चकल्प भाष्यम् गोयाम आहेणवमि य सरसंचारण कुहरणासु च / कुणोते व / बच्चासं सलु जह पटसिमितो णटो // 2122 // तह कुगति विवच्चासं अग्गीतो सव्वकरणजोगेन्मुं / सुत्तस्थजामंतो णाणे तह दंसणा चरिने // 2123 // जह णट्ट गीतवाइविजाणतो सृजए समं तानं / सुनं तु विजाणतो तह कुणती सम्मकरणं नु // 2124 // किं पुण सो न वि जागाइ जंकणती सबहिं बि. बच्चान्स / भण्णात सुणस इणमो जं कुणती मो विवच्चास // 2125 / डाण णिसीय नुयटण पेहण पप्फोडणे तहासयये / भासामुद्धग्गहणे जे अण्णो पलविया डाणा // 28 // उर्बादसिउ न वि याणति मामायादिं तु डाणमादीयं / अज्जारि जा अगीता न जाणाः सावि तह चेर // 2127 // अप्पदिओ लुडो परिभूतो य पत्थिओ / बहलोडमोडसण्णो मज्जाजग्गो दुरणुकइठो / 2128 // पाएणमप्पदा महग्घदाणेण लोभित किच्चं कुवंति धगोलया विर परिभूताओ य सबस।दार||PAY 1) संसादिपेमिया विन संजीतवग्गो हु पस्थणिज्जो तु / धिजाइर्यादही बड़Y बहुमोहन्मन्नाओ 130 // .. मज्जायनिप्पहणे मज्जाथाए य सपउमि / पोडमेलो अणुण्णा य मगधर विलोमता चन्दुरो // 2131 / / जम्हा नु दुप रियट्टो अज्जावग्गो उ तेण पडिसेहो। परियटणे मज्जा मज्जाया विप्पडणस्य 12132 // मज्जायसंपउनो अजापरियटओ - Yण्णाओ" परिघट्टए अजोगे उवदिटए चतुगुक्त सोही // 1335 मग्गधरो आर्यारमओ सो पुण मिठिले। जो तु मज्जात / तस्मुवदेसो कीरति मज्जायाए दढो होति // 2134 // उपदेससार पोडसारणा य तेण पर तिणि मासलडू / धंदे अनट्टमाणं अप्पछंद वि. वज्जए // 2135 // दिडता य इमेखि पठमा मासलगादि दिज्जति / छपाणोल्लपट्टकंचा अवराहे सरिमु कमेण // 2238 / आयरये उवदेसो अकय्पपडिसेवणे य उवदेसो / विगहादिपमाएमु य मा - वह एस उवदेसो // 2137 // णिहाइपमादाइन्स सह तु अलियास ' सारणा होति / गणु कहिन ले पमादा मा मीदसुनेन्स जापतो // 13 //