________________ 聽聽聽聽聽聽聽獎獎獎獎獎獎 [10] ' भी आगम मुग मि-युः 0 नवमो विभाग कमेवे मिसिरणे अणाउना / अणापुच्छाए गच्छति जत्धिच्छाए य सच्छदा // 105 // गेहेन्यू गिहन्धाण गनुण कहा कहति काहीया / तरूणाद अडिपहुंने अणुजाणति जा तुमा पडिणी // 2106 // घद्धा जच्चादिमयादिपहिं सुहसीलदहमीत ति / सिनणबधणमादिमु वेदाबच्च गिडीण करे // 31.7 // उक्कम. वस्थपनादिएहि समनभानसंमत्ता / अहना वि गिहत्येमु पाउरणादीसु अविभत्ती // 21 // भने वा पा वा गिलिसवती घाउन्या उ जा धुचति / अभियान हत्यपादे करसंतरगुज्झमादीजि / / 2106 / सण्णिाडिमणिचए चेव कुति जा अपणो अ. जहाए / भम नाम अणडा संचयं जा य करणं तु // 11 // जंतादिमाल नह वटकोट एमेव मोल डाणाणि / जागच्छति एतेमु अणायतणगवेस्मिता मा तु // 2111 // गुज्झगाणि पलोए अप्पणो अहवावि जातु पुरिमाणं / उस्कोसगमाहारं एमति उवहि च उस्कोस // 2112 // गच्छति सविनासगती मणिज्ज मलिय बिब्बोय / उक्टेति सनी सिणाणमादी व जा कर्णात // 2113 // भमुड़वादीहिं सविकारं भामती य सचि। लायं / एमादि अणरिहा तू पच्छितं वा वि सहाणं // 14 // तन्य पुण ताव इणमो पच्छित्तं भन्नए ममामेणं / देतंगधरेतगाof अगीतमादीण दोयह पि // 2115 // अबक्सुते अगीतत्थे णिमि रिज्ज गणं तु अरव धारेज्जा / तद्देवासयं तस्या नु मासा चलानि भाक्थिया // 16 // सत्तरत्तं तवो होति ततो छेदो पहाजती,। छेदेणं छिन्नपारयाए ततो मूल तओ दुर्ग // 2117 / / एक्केक्कं सन्नदिणे दातुं तवेऽनिच्छिए ततो छेदो / जत्तो तवो आरदो पणगाटिकटोव जो कति // 1 // तल्ला चेव यहाणा तवछेटागं भवति दोण्ड पि / पणगादि पणगवइठी दोण्ड वि धम्मालदडवणा // 2119 // कि कारण कति गणहरो अबहुस्सुतो अगर तन्यो / भण्णति सो पच्छिन्नं जयनं च ण जाणए कारें // 2120 // / _दिदडतो णटेणं अजाणमाणे जागरणं च / कायव्वो एत्य इ. णमो एकवणा नरिसमा होति // 2121 // ..... - 獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎