________________ श्री निशीध सूत्र उद्देशक 5] [13 जे भिक्खू अप्पणो संघाडीए दीहसूताई करइ करंतवा साइज ५०'सू०१३॥ जे भिक्खू पिउमंदपलासयं वा पडोलपलासयं वा विल्लपलासूयं वा सीओरगवियडेण वा उौसगोरगविथडेग वा संफासिय संफासिय आहारेइ आहारंतं वा साइजइ 59 // 2014 // जे भिक्श्यू पाडिलारिथं पा यपुछ आइत्ता तामेव रयणिए पच्चप्पिणिस्सामिति सूर पञ्चप्पिणइ पञ्चायणंतं वा साइजइ ॥सू०१५।। जे भिवप उिहारियं पायपु-छणं जाइत्ता सुए पञ्चप्पिणइस्सामित्ति तमेव रयणि पञ्चप्पिण३ पञ्चाधिणंत वा साइजइ॥२०१६॥ एव सागारियसंतिएवि जे पायपुञ्छणयं जाइत्ता दो आला. वणा ॥सू०१७-१८॥ जे भिक्यू पाडिहारियं दण्डयं वा लहियं बा अबलेहणिज्जं वा वेलेसूइंवा एवं एतेहिं दोहिंचेव पाडिहारियं सागारिय' गमएहिं गैथव्वा / / सू० 19-22 // जे भिक्खू पाडिहारियं सेनासंधारणं पञ्चप्पिणित्ता दोधपि अन्नविय अहिडेइ अहितं वा साइजह '86 ॥सू०२३॥ एवं सागारियसंतिएनि // 024 // जे भिक्रव पाडिहारियं वा सागारियसंतियं वा सेकासंधारयं अप्प चप्पिणित्ता अणुविय अहिंदुइ अहिटुंतं वा साइज // सू०२५॥ जे भिक्रयू सणकप्यासामी वा पोण्डकप्यासाभी वा उपणकप्पासाओ वा अमिलकप्यासाभो वा दीहसुताई करेइ करंतं वा साइजइ ११२॥स्०२६॥ जे भिक्खू सचित्ताईक 23 धरेइ परिभुजइ करतं वा धरंस ना भुजंतं वा साइनइ ॥सू० 21.29 // एवं चित्ताई // 203032 // जे भिकरपू विचित्ताणि, दारुदण्डाणि वा वेलुदण्डाणि वा वेत्तदण्डाणि वा करे३ करं तं वा साइजइ, एवं धरेइ धरंतं वा साइजइ, परिभुज परिभुजंत पा साइज 120 // 20 33-35 // जे भिक्यू नवगनिवेसंसि गामंमि वा जाव संनिवेससि बा अणुपविसित्ता अस. वा 4 पडिगाहे३ पडिगाहंत वा साइज"०३६॥ जे भिक्यू 獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎