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________________ [12] श्री आगम मुधा सिन्धु नवमो विभाग तत्थेन आयमइ आयमंतं वा साइज ॥म० ११४॥जे भिन्न अतिदरे मागमइ आयमतं वा साइजह // सू०११५॥जे भिक्खू परं तिण्हं नालापुराणं आयमइ आयमंतं वा साइजइ'३१७ ॥सू० 116 // जे भिकर अपरिहारिए णं परिहारियं बुया- एहि अजओ! तुम च अहं च एगी असणं वा 4 पडिग्गाहेत्तानओ पच्छा पलेयं पत्तीय भोक्रयामो वा पाहामो वा,जो तमेंवं वयइ बयंतं ला साइजइ,तं सेवमाणे आबज्जइ मा सियं परिहारद्वाणं उघाइयं 329 // ०१४३॥चात्यो उद्देसभो। ॥अथ पचमाद्देशक:।। जे भिक्ल्यू सचित्तरूस्वमूलसि ठिच्चा आलोएजवा पलोएग्ज वा आलोयंत वा पलोथतं वा साइज ॥१०॥जे भिक्स् . सक्तिरुस्वमूले ठार्ण वा सेज वा निसी हियं वा नुयहणंवा / चेएइ चेयंत वा साइअइ॥ सू०॥ जे भिकरयू सचित्तरुक्रवमूलंसि ठिचा असणं ना 4 आहार आहारं वा साइवर ॥सू०३॥ जे भिक्थ्य सचित्तरुक्खमूलसि उधारपासवणं परिट्वेइ परिवंतं वा साइजइ सू०४॥ जे भिक्खू सचित्तरुंकवमूलसि सज्झायं करेइ करंतं वा साइज॥०॥ जे भिक्रयू सचित्तरुक्रवमूलसि उद्दिसइ उद्दिस्संतं वासाइ. जइ // 06 // जे भिक्खू सचित्तरुक्वालंसि समुद्दिसंइसमुद्दिसंतं वा साइजई॥सू०॥ जे भिक्खू सचित्तरुक्तम्लंसि अणुजाण अणुजाणंतं वा साइज // 0 // जे भिक्खू सचित्तरुक्रवमूलंसि वाएइ वायतं वा साइज ॥सू०॥जे भिक्खू संचिन्तरुक्खमूलंसि पस्छि पडिछतं वा साइजइ ॥सू०१०॥ जे भिक्यू सचित्तरुक्यमूलंसि परियइइ परियहत का साइझ 36' 11म्०१॥ जे मिक्स्यू / अप्पणो संघाहिं अन्नउत्थिाएण वा गारभियेण वा सागा 'रिएण वा सिगापड सिल्वावतं वा साइजइ 15 // 2012 // 獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎
SR No.004370
Book TitleAgam Sudha Sindhu Part 09
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendravijay Gani
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year
Total Pages294
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_nishith, agam_bruhatkalpa, agam_vyavahara, agam_dashashrutaskandh, agam_jitkalpa, & agam_panchakalpa_bhashya
File Size7 MB
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