________________ 楚楚獎獎獎獎獎獎獎靈獎獎獎 [14]. श्री आगम मुधा मिन्धुः नवमो विभागः / इव्वयाणं तु होति पंचण्डं / बारस अणिच्चादी तवमुत्तादी य पंचेच / // 1518 / / एताहिं भावणाहिं भावेंती ते उ गिच्चमप्याण / मलेवि ग च्छणिग्गत वेरगपरायणा धीरा // 1519 // बारस भिकपडिमा मादिग्गहणेण लंदिया चेव / तह मुद्रपारिडारी सव्वोऽसो भरेकप्पो // 1520 // णिच्छय गिराम णिम्मम जिरहंकार परमदह दठजोगी / चत्तसरीर कसाया इंदियगामा य जिग्गडिया // 1521 // जं चाण एवमादी सचणयविडाण आगमविसर्छ / कप्यो ति गाणदंगण चस्निगुणमावडं जाणे / / 1522 // णिच्छयमतिणो णिच्छयणहिता उदिहं तु ववहारे / अहवा विणिच्छतो तू णाणारीयं भवे नतियं // .. 1523 // णासंसह इहलोयं परलोगं वा वि एस तु गिरासो / दारं / णिम्ममता तु ममतं न करेती अवि य देहे नि // 1524 // ण करे। 'अहंकारं एरिसओ अहति उत्तमगुणोयो / दारं / गेव्वाणं परमट्टो तस्सोहणता तु दठजोगी // 1525 // णिडिकम्मसरीरो चत्तसरीरी उ होति णायचो / गऽवणेतच्छिमलादि नि संतिलमो उझियमसामो // 1526 // सोइंदियमादीसु य विमयपयारेसु सहमादीसु / ण उबेति रागदोसे इंदियगामा य जिग्गहिया / दारं // 1527 // सवणया वी विडा णाणे करणे य डोंति बोधब्बा / सव्वणयायपेयं मतं तु जो मुदिडतो: चरणे // 1524 // कप्यो गार्म भण्णति जो आवहती डु णाणमादणि / बुठिं वा वि करेती सम्बो सो होति कम्योतु // 1529 // कय्यो उ एस भणितो अहणा एत्तो पकय्य वोच्छामि / उस्सारकप्पमादी जहक्कम आणुपुबीए // 1530 // उस्मारकम्प लोगाणुभोग पठमाणुओग मंगही, / संभोग सिंगणाइय एनमादी पकप्पो नु // 1531 / / आयारदिदिडवादत्यजाणए पुरिमकारणविहण्ण / संविग्गमपरितंतो अरिहति उस्सारण काउं // 1532 // कारणे-अहिंगते य पडिब्रे संचिग्गे य मतदिए / अनदिहए य पडिबुझी गुरु अमुटी जोगकारए // 1533 / / गच्छो य अलद्धीओ ओमाण चेन अहियासो य / गिहिणो य मंदधम्मा मुटचगवेसए उबहिं // 1534 // परहं कारणेहिं उम्साराथारिहो उ बोधयो / दा। उस्मारो दिदिहवादे धम्मकही गोडयणिमित्तं // 1535 // उस्मारकप्य एसोस- .. मामओ वणिओ मए एवं / लोगाणुओगमेतो वोच्छामि अहं समासेण //