________________ 獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎獎 [146] श्री आगम सुधा सिन्धु समो विभागः ओहोवडिम्मि एते अजाणं पण्णवीसन // 1582 // सत्तय पोडेग्गम्मि रयडरण चेन होति मुहपोती / एसो त णव विकाप्पो उवही पत्तेयबद्धार्ण // 15.3 // एगो तिथगराणं गिक्सममाणाण होति उवही उ / नेण पर णिकवाडे ऊ जावज्जीवाए तिथगरा Myrsजिणा पारसमलाई धेश चोइसकविणो / अजाणं पण्णवीस तु अतो उइट उनगाहो // 14 // एसो उनहीकप्पो समासतो नपिणओ जहाकमसो / दारं। संभोगकप्पमडुणा समासतो मे गिनामेह // 1v86 // संभोगपकवणता सिनिघर निनपाडुडे य संमुत्ते / दमणणाणचरिने तवडेलु उत्तरगुणेन्दु // 14 // ओह अभिग्गड दाणाहणे अणुमानणाय उवगए / गंवायर्याम्म यछट्टे संभोगविही मुणेयो // पोडेगार गाहा // 1408 उपडि सुय भत्तपाणे अंजलीपग्गडे इय / दावणा य निकाए य अन्भुटहाणेति भावरे // 7 // कितिकम्मरम य करणे यावच्चकरणे इय / समोसरणन्निसेज्जा के. डाए य पबंधणा //10/1 उग्गाम उप्पाएमण निवेय परिकम्मणा य परिहरणा / मंजोगविहिनिभत्ता उनहिम्मि वि होति छदाणा // 19 // चायण पुच्छण पडिपुच्छ चिंत परियट्टणा य करणा य / संजोगविहिविभत्ता सुतहाणे होति छडाणा // 1/92 // उग्गमउम्माएगण लोयण संभुंजणा णिसिरणा य / संजोगनिहिविभत्ता य भन्नदाणे विडाणा // 1493 // बंदिय पणमिय अंजलि गुलमालोवे अभिगठि गि-मेज्जा / संजोगविहिविभत्ता अंजलिकम्मे नि छट्ढाणा ॥१४॥मेज्जोनाह आहारे सीमगणा अणुप्पयाण सज्झाए / संजोगविडिजिभत्ता . दावणाए विछट्टाणा // 1495 // सेज्जोवहि आहारे समिगणाऽणुप्पदाण सज्झाए / संजोगविहिविभता निमंतगाए विडाणा अब्भुहामण अंजाल किंकर अभामकरणमविभत्ती / संजोगविहिनिभना अभुटाणे वि घडाणा // 1/890 मुत्तायाम सिरोणय मुद्धाण सुत्तज्जियं चेव / संजोगनिहिबिभत्ता मिनिकम्मे होति घट्ठा Invsri माहार उनहिमतग अहिंगरण विभोसणा य मुयसहाए / संजोगनिहि विभता वेथानच्चे विडाणा // 14 // वास उडु महानंदे पुइतसाहाराणो'गहितिरिए / इटावासोसरणे दहाणा होंति पविभत्ता // 150 // परियस्टणाणुभोगे वागरणे परिच्छणा यालीए। संजोगविहिनिभत्ता मण्णि 幾聽聽聽聽聽聽聽聽聽聽聽聽。