________________ 免染染染染染杂杂杂杂杂杂杂杂 श्रीपञ्चकल्प भाष्यम् [1310 कालो अक्सरेटिं जस्सत्थो तह य समयमावलद्धो / तं अत्यतो विसुद्ध हिने दुइडलोयपरलोये // 16 // आहेयं शेयकांत मिस्सेसकरं तयं मुणेयनउप्रान्तीमादीण यबद्धीण विनदणं तु // 1197 // तस्म फालतु उदारं अब्बाबा अगोवम सोना / एसो मुत्तकप्पो (दार) एलो वोच्छामि उहेस // 119 // उहिमियर उदिडते अणुवादहले उदिसंते चउलङगा / अणलोहए लि लगा तम्हा आलोइ उदिसणा // 1199 // आलोयणा य विराए सेतदिसाजिगहे य काले य / रिक्सगुणसंपदा चय अभिवाडारे. य अहमए // 1200 // अण्णगणागत पुच्छे केवइयमहायगा गुरुणं तु / एवं पुदडो सो विय वदेज एगादिय इमे उ // 1201 // एगे अपरिणते या अमाहारे य धेरए / गिलाणे बड़रोगे य मंदधम् य पारडे // 1202 // एतारिस विउसज्ज आगते सोहि होनि पुष्नुत्ता / आयारकप्पणामे सीसपडिच्छे य आयरिए / 1203 // एएहोनिमुस्कं तु आगता लोइए पडिच्छति तु / आलोयणा तु एस सेसा दारा जहा वासे // 1204 // णावरिंतु कालदारं गुणदारं चेव ईनिभासिगं / अंगसुयक्संधाणं उद्देसो सुस्कपकपम्मि // 1205 // पण्णातिमहाक मसुयादि सरदे मुभिक्सकालम्सि / मित्तियादि पुच्छिय उद्दिसणा ठोनि कायब्बा // 1206 // से कालनिहाणं मुबुनं तं तु डोति प्यायज / दारं, कोडिं गुणेडिं जुत्तस्य उद्दिसियवं? इमे गुणन्नु / / 1207 // अनोच्छिन्नीसंगविणयउपमेयरज्जभस्मि / पुलण्डे. जोगसमुदिहलस उद्दसणाकप्यो / दारं // 1208 / / बाइगनाइज्जते गुणा उ बायण विहिं चोच्छामि / नायमानादिज्जते गुणाण दारा इमे डोंति // 1209 // अप्यागो य दठा रक्या विमुलो य तहाऽऽगमो / सुयणाणस्स य प्रजा जिणाण छिद्देय इच्छल्लो // 1210 // उम्मग्गं बच्चतो अ.। प्या रकबेज्जते तु नियमेणं / मुण्डादिट्टुंतेणं सुतबानोत्रमओगेणं दान // 1211 // उवउत्तस तदडे णिज्जरलाभो तबो य विउलोय। इंदियपणिही य तह पसत्यझायोजओगो य // 1212 // अण्णाणी करमा - . वेति बड्या वासकोडीडिं / तं णाणी लिहिं गुत्तो सवेद उस्मासमेत्तेणं / / 1212 // बारसविम्मि वि तवे मभितरबाहिरे कुमलदिरहे / गाँव अस्थ पनि य डोही सज्झायसम तबोकम्मादारं २१॥सुयणाणक FFFFFFERREFERE