________________ 222222222 , श्री यय कल्प भाऽयम् .. . . 127] ..' इयं जरस सुबमच्चायं / सो होती रायजिभो इसको ओमो मुणेयजो / परियागकम्पत्ति गातं / / 1120 // अट्हुस्सास मज्जो काउस्सग्गो उ डोन बोधयो / अहसाउन्सुरकोमो अब मच्छर वान पदारं / / 1121 // पाडेकमा दोसिय राज्य परिमय चउमासि सहय वरिसे य / एतेसि बचाया पुच आजस्मए भणित // 112.1 कि. तिकम्म कारच काहे कति वावि डोत डोरते। एनेमि पर वो / च्छामि मापुयाए 1122 // प.कम मज्झाए काउन्समरा / पाणए / भालोय) संवरणे उनिमढे य वदणायं // 1124 // पारिय. योडकमणे केदकम्मा लिण्णि होते सज्झाए / पुवण्हे अबराहे रिइक. म्मा चोदय हवंति // 1125 // . यूसरगमे जिणाण) पडिलेडणियाए भाठवणकालो / धेगा. ग्गयंमी उबाहेण सोनुलेथयो / पार // 1156 // पठमचारिमामुलायमा सज्झाओ पोकसी दियराओ / झाण न स्थपोकसि बितियार ननु दिवसम्म / / दारं // 1127 // लतियाए पोकनपीए भिक्सगडम त होना कातव्वं / सेसं च पमादी होइइम न समासेणं // 1128, यमाने काले आवस्मए यमघाडए य उवकरणे , मत्तगकाउस्सर नाय जोगो सोडवकलो // 1129 // भन्नही पि मोडे जर भणित डेल होइ एथमि / एक्कं वेल भन रनिं चा काप्यते नोनदार 10 काल रस पडिक्कमि मज्झण्हे ताहे होति गंतव्य / वाया भोवण बसेस अकालो उ मीथारे।।दार 1121 // चउ महसुप कप्पति का तालिम तुकायब / पुवावरास दोस विकाउस्मग्गदिहता झति॥३२॥ दिणमझाए भिवरम जार अमनदिहतो तु जो साह / राओ मन्झिननाओ णिहामोव करेंती 31133 // पिकाखमण खलु सरए पाउसकाले पवेमु / एसोत कालकप्पो भाव कप्य अतो गच्छादा।।१३४॥ दसण गाण चरिते तर परयण पचमिति तिहि गुत्तो / हुतराग दोन्स णिम्मम समदमणियाडो णिच्यं // 1155 // भोगड़ियबलवीरितो परक्कमति जो जडत्तमाउत्तो / अन्तडकरणजुनो गुणभावा भावोणासकंपो / एथाओ दारगाहाओ // 1136 : रिद्धीहि कुलिंगो लय देवक. नीहि जस्स तू भावो / दसवगलो जाति दमणमा हेय लो / / 136000 FRESSSSSSSSSRE