________________ కుకు కుకు కుకు - श्री पवकल्प माथा ... [1250 देनाम्म ऐति / / 14 // पुण्णमि मियंती भण्णम युट वारिणो वेति / मोन्द्रा बुहाज आगजति चतुलड सेन्ये / / 1084 / पडिरति मिल जा गिलाणो बिनस्थ वनडे / दार। भावि सकुलेमु अ नहर थिजो दोहा / दार // 5 // अनादी नवसा वा अचीवनो एनेर / दारं / मोडेकज रानेन्डे पनि सरगा वावि ता /07 तकणाण णियन्ती आततरे वे डोति णायको कलेयनुय दिदिडराए नेनि कालोऽयमुक्कोमो 1100/ संवच्छ र झरए बारवासाइ कालियसुचनस / भोलन य दिदिडवाए एमो उस्कोमतो कालो Porrn बारसवात्से गडिय तु कालियं झाति बारेमभेगं तु / गेलस दूतावाते गहण झरणं दल दुवे व // 10-9 // महणझरण कालियसुते पुब्धगते जदि एतिको कालो.। आरूखाप्सगामे कालच्छेदो कतरेनिं 1 / 1.10 // माया रकप्पणामं न हनन्ध मासमुडुद्धे / वामामु चउम्मस एसो कालो नु कतरेन्नि 11091 . भगिओ धेरेण समायोया कारण -- जातेण नि कालो / मज्जा पण पुण गावरागाह मे. माण १०९२।गम्मत्रणहा एनेमि व एयं तु काराणज्जायं . जेडि 1 गुणेडिं जुन्ना देजते ते इमे होति / / 1093 // जे सिण्डिर धारयेउं च मोग्गा, घेराण ने दिने बेइज्जए तु / गिपडति नहापडिया सुडेण केच्च च धेररस कारेंति मन्च / / 1094 // मान्यज्ज सेनकातं बहु पाउग्गा न मोते सिताउ / णिच्य च विभत्ताण सच्छदादी बडू दोसा : दारं // 1095 / / जड चेन उत्तिमट्ठे कतसलेहस्स हाति एमेव दारे नाम पडिक्काम पुण रोगविमुक्के बलोलेनड्ढी दारं // 1016 // वुइटावा. मातार कालादी नेण उग्गडो तिबिडो / आलंबणे विसुद्धो उग्गडो नक्कज्जि वोच्छेभो / 2097 // जे कारण बुढिगतो वासो नहिं कारणे अतायम्मि / मतिपरिभग्गा जे उ आर्याए उग्गडो मयि // 2098 / बिहेवि कालतीते मासे चउम्मास उग्गडे छिण्णे / सच्चित्तादी छिण्णो आनं / बणे तम्मि छिण्णान्म // 1099 // कारणासमत्ति पुरओ जो अच्छति उग्गड़े न होति / सच्चिन्नादी तिबिहण लस्म तौडेयं इम णात 5. 1100 // भामकुचिपूरी उग्गड पोडसेडियोम्म जो कालो रोनि RRRRRESSESSESE