________________ ఆకులు 134 . श्री आगम मुथा सि-पु. 0 नवमो विभाग न अहवीमाए चउभागा विजिना. / / 1066 // अदहावीम ऊ" दडासतीए ने हवेज्जाहि / संता असती भया बाला बुड्या भ नोगा वा // 16 // संसामंतीए पुज्जात नोलेया नेण णिणिको भागा उ विभइथवा इगमा चोद्दसनण्ह 1068 // यो सधार में दंती भिकम रक्को य गोण्डए उचहि / थेर दुवे गाणे सत्तम जाणे . मालिन (भक्स)मार्दीस // 169 // वुइटावाले जयणा मेंने काले अन्महत्य संधारे / सिनम्मि गावगमादी हाणी जानेक्कभागे ..*07 // धीरा कालच्छेदं करेंति अपरक्कमा तोडें थेश / कालच भबिवायंक.. रेति तिविडा नहिं जयणा / / 1071 // कालच्छेदो मास म' हा तु भिक्त्यमादीणि / अदहसु उडुबद्धमुं चउमासे सस्कवायाम् / 1072 // कालं अचिननीयं उडुबद्धे वासवासिय aa करे / वामावाले य तहा उडुबद्धं वाविणा करिति / / 1073 // तविहजयणेति इणमो तिवडणुकंपा तु होइ बुड्ढम्स / जह कायया इणमो नमहं चो. च्छ समासेणं // 107 // भाडारे जयणा वुत्ता तस्स जोगेर णए / णियया मउया चैव ध्वेतामणादिसु / कालदारं गतं // 1075 // . काणिटपरकामे मिडघरे चैव नह य दालघरे / कडगे कडातणघरे वोच्चत्धे होति च गुरुगा / / 1076 // कोट्टिमघरे असंतो भालिनम्मि ण उज्झए तेणं / क्राणिटगादिगण रकसद य शिवात बसही तु / / 1077 // वन्योहे णिवेन्मणा साही दुरायणम्मि जो उपा उगो / असती य पडिडारि मंगलकरणम्मि गीणने / चमोडोने दारं मात / / 1078 // मही य महासंघ पगपट्टो व चम्मकको वा / घिरमउओ संपारी असतीय णिसणा डाणे // 1079 // असती सहि बागड उग) मगामे चेव तह य परगामे / कोसद्ध जोयणा. दी बनीम जोथणा जान // 1080 // धिर मजओ अपडिडारी घेत्तको तस्म अति पडिडारी / पिउपज्जयादिकलगं मंगलबुद्धी धरे जंतु / / 102 // केई गिहत्था ने उनसवादि ओरेनीले ग परि भुजति / तं पण. क्या तुविदियो अनि य एमझड मंगल // 1082 // देज्जह जघर. कपास चियमाडेत पुणोरे गेज्जाड / तं घेतूणं फलगं उत्सव