________________ 3RAJARE श्री पञ्चकल्प भाध्यम् [223] कारणे िदुइटावायं वियागाडि न केवतियं तु वयंतो सेतं कालेटा वडारिन मरिहो / केतिचं अविडो (अचयंतो) बलहीणो - इम्वासी 14 // दुन्ति निदाऊण दुवे सुतं दाऊण मुत्तवज्जंच / एक दिवइटमेगं अणुकंपादामुवी जतणा // 1049 / " दोणिव मुत्तत्था३ दुलेत्ति जो जोते साउए दोन्नि / जाव भिम्यावेला रस तु सपप्रक्कमो धेशे / 1050 // एमेव अदाऊण अत्यं जहवा अदातु दोषण वितु / यो गाउयाई दोणी पुण्णाए भिक्सवेलाए // 1052 / / एवं दिवटमेग च गाउयं तिमि सोति पम्केके / गमया तु मुणेयचा विहरणा अरिहो म धेरो दु / 1052 / / एस मपरक्कमो तू जो पुण दाऊण उभयन्मुत्तं वा / गच्छेज्ज मद्धगाउय मपरक्कमो होति एसोचि // 1053 / / सम्वेते निडरती एतेसु दगाउयं दिवाळं वा / जे जनि गाउयं चिय तिण्डं पेतेमि दुइठाण // 1055 // जेवि य गाउयमद्धं उभयं सुतं च दातु गच्छति / तेसणुकंपा नेइमा कायच्या उरोति तिविहाउ // 1055 // विस्मामण उपकरणे भन्ने पाणे ॐ लंबणे चेव / तं च विजाणात कालं गंतु वा एति जो जन्थ // 1056 // जयणा सुद्धालभे पणगादी सानु होति णाधना / अपरकम तु घेरं एत्तो वोच्छं समामेयां // 1057 // श्वेत तु भद्धगाउय कालेणं जाब होति दिवसो उ। पेलेण य कानेण य जाणमु अपरक्कम घेर // 1.58 // अण्णो जस्स नाति दोच्यो देडम जाव मझण्डो / सो विहरति सेसो पुण अच्छति मा दोण्डवि किलेसो // 1059 / / भमो वा पित्तमुच्छा वा उखमानो वसु भति / गतिचिरिए वसंताम्म एक्सादी ण योते // 1060 // गच्छपरिमाणतो तू महाया तस्स होनि कायबा / मन्नेव जहण्णेणं तेण पर डोंनि गावि // 6061 // चउभागतिभागद्धे मोम गच्छतो परीमाणं / संतामंत अन् ती दुइटावास वियाणाहि / / 1062 // अहावने जहरणेण उन्कोन्मेण सतगमो / गच्छं गच्छं समासज्ज चउभागादी 2 आथए / / 1063 // जइ होति अदडवीस चउहा गच्छो उ तो विभज्जति तु / सन्त उचउभागेण ते दिज्जती महाया 3 // 10 // पुण्णाम्म माम्मे तो जिंती सत्त अण्णे उनि उ / एवं अतिति णिति य मास मामम्मि सत्त उ // 2065 // एवं दोसा पाहोंती तु उबटडावणादि जे भने / तेणं FREEEEEEEEEEEEES