________________ BASARASARDAR [2060 श्री आगम सुधा सिन्धु समो विभाग वसा मज्मोचित्त महरमादि // 43 // असता असज्जणा दज्जणा य एगदिडताणि एयाणि / तेहिं सम जा मेत्ती संजोगो सो तु णायव्यो 19801 गुलमडरा उल्लावा तेसिं पुलं करिति य पियाइ / मज्झे य डोति मज्झा महरा विति च दाएंति / / 745 // कुव्वति य भासंति य अवसाणे तारिसाणि जेहिं तु / जिज्झति सच सुकयं एवं किर भोयणं मुंजे // 746 // दिए णिद्धमहर मज्झ विचित्त दवलुक्य अवसाणे / तेणं विपागमेती दज्जैणमेसी व अवसाणे // 77 // कुंसलाभिहिएणं पुण तं भोत्तवं इमेण विहिणा तु / असुरसुरं अ. चवच अदुतमविलंबियं चेव // 7 // अयमण्णोऽवि विही सलु भोथणजाम्मि होति णायचो / जारिसर्थ // भोत्तव्वं दो. सा जे वि भुत्तस्स // 749 // अच्चुण्ड हणइ रस अतिथंबं ई. दियाइ उवहणति / अतिलोणियं च चक्मु अतिणिद्धं भंजते गहणिं / / 750 // आहारियाम्म एवं णीहारेणं अवस्स भविथव्यं / तत्थ ण धारे वेगं दोसा य इमे धरिज्जते / / 751 // मुत्तनिरोहे चक्स वच्चणिरोहे य जीवियं इणोते / उइणिरोहे कोट स कणिरोहे भवे अपुमं // 752 // तेइच्छियधूताए आहरणं तत्व हो३ कायव्यं / तेइच्छिमले राया पुच्छति पुत्तत्धि त्यत्ति ! // 7535 दिधति अस्धि धूया राया बेती आहेज्जऊ सत्पं। पिउसंतिओ य भोगो तह चेव य तीयाण्णातो // 75 // मच्छरिता विज्जापणे बेती कि एस णाहिति वराई / भिससत्यं अहना से परिच्छि. उ दिज्ज अह भोगे // 755 // सद्दावेतुं पुहा किधितं तेल ते. सिसा पुरतो / तोऽणाए वातकम्म सद्देण कतं उसे बेज्जा // 756 // तो भणति णिव सा एने वेज्जा ण व तुरंद ! / 0 य जाणंती सत्धं कहति बेती इमं सुणसु // 750 // तिष्णि सल्ला महाराय / अस्सिं देडे परदिहता / वाउमृत्तपुरीसाणं प.. त्तवेगं धारए // 75 // णिम्मुडिकता तु वेज्जा तीए सावि य पनिदिहता तहियं / तम्हा // धारए वेगं वायातीण तु सव्येसि // 759 // एवं भुत्ते समाणे जर्जात वातादी पकोन गच्छेज्ज्ञा / PRESSSSSSSSS