________________ PREPARE श्री पश्य कल्प भाम्पन् [105]. हम होइ णायचो !725 भायणे भोथणे चेव भुजियब्रे तडेव य। भायणे तु इमं घेरा गाहासुत्तमुदाडरे 11726 / / सुवण्णरजते भोज्जं मणिसेले चिलेवणं / अविदाही घतमाथसे पयं तंबे याणसुहं च मिम्मने / / 727 // स्पोदणे जवण्णं लिन्नि य मंसाणि गोरसो जूसो / भकला गुललागिधा मूलफलं उरियगं डागो / 728 // होइ रसालो य तहा पाणं पापीय पाणगं चेव / सागं चऽहारसहा णिसवहतो लोगपिंडो सो // 729 / / सूवगडणे गड़िता वंजणभेदा उ जत्तिथा लोए / ओदणगहोणं पुण सन्तविडो ओदणो गडियो / / 730 // जो तू जवण्णं भात लिन्जि तु मंसाणि जलयरादीणं / गोरसो खीरादीउ मुग्गपडोलादि जूसो तू / / 731 // भक्सविहि उल्लसुक्सा गुलकत तह लावणी न बोद्धच्चा / मू. लग अल्लगमादिमूलं अंबादि फलगं तु // 732 // हरितग मूलकु. टेरगभूयणगादी य होति णायचो / डागो य गोरसकओ पजेवणादी बडविडाणो // 733 // दो घतपला मडुपलं दहिस्स अद्धाटयं म रिय वीसा / खंड तुलादसभागो एस रसालू णिवइजोगो 734 संड तुलादसभागो दस खंडपला डबनि णायव्वा / ने तम्मि पविखवित्ता मज्जिय णामं रसालोत्ति // 735 // पाणं मज्जविही ओ पाणीयं धारपणियादीयं / दयादिपाणगाइं सागेणं वंजणा जेतु // 736 // एवं अट्ठारसहा णिसवहतो दइटगादिपरिहीणो / ण य उवहमति जेणं रसादि छठेण दवेणं / / 737 // परिसुक्के दाहिणतो दवाणि सञ्चाणि वामतो कुज्जा / गिद्धमहणि पुवं मझे अंबं दवंताणि / / 73 // परिसुवायं सालणगादि तं गिण्ड सुहं तु दाहिणकरेणं / वामेण पाणगादी लेण तयं वामपासम्मि / 739 // अप्पाइजति देहं पुब्वं णिद्धमहुरदब्बेहिँ / पेताही णियमा केवइयं तं तु भोत्तव्यं // 9 // अद्धममणस्स सबंजणस्स कुज्जा दवरस दो भाए / वातपविधारणा छब्भागं ऊणयं कुज्जा ||७४शा तं पुरण एयपमाणं आदी मज्झे तहेव अक्साणे / केरिसर्थ भोत्तव्यं तस्स इमं गाहमाहंसु // 7 // 2 // असतामिव संजोगं पण्णा भोयविहिं उदिसति / लुक्सर ट्वा EFFFFERESERS