________________ 聽聽聽聽聽聽聽聽聽聽聽聽聽 [102] श्री आगम मुदा मि-यु 0 नवमो विभाग कालेण केणइ पुणो लिंग मोचण पदिहतो सगिडं / देवेण पुणो दिडो गामपलित्तरा कुति / / 675 // पुणरवि मणुस्सरूवीत णभारेणं तु विसति तं गाम / दह लवे पुराणो कि इच्छास अप्पणो णासं // 676 // जंतणभारेण तुम विससि पलितं ततो लवे देवो / एव तुम जाणतो जरमरणपलित्तसंसार / / 677 // पविसंलिच्छास णासं मुंचसि जंदुक्खलाड़ियं दिकम् / अर्गाणतो वनि घरं गतस्स रोगं पुणो कुति // 67 // पुणरवि तहेव दिवसा उप्पइए य सघरहुत्तस्मि / संपादेहए अ. वीए नस्स पडे वंतरप्पोडमं / / 679 // काउं मच्चणदेवे। अ. च्चितमडितो तु पति डेडमुडो / पुणरवि समहवेतु ण्डविर्याच्च ओ सो पुणो पडितो // 60 // एवं पुणोवि अच्चियमहितो वि त बतृप्सो पडे जाहे / लति नतो दुब्बोही किंवरहाणे ण डाए सो / 61 // देवाह जडामि तुम बरहाणेवि डबिओऽविण रमेनि / पव्वज्जं मोनू गरगादहहाणं पुणवि अभिलससि // 62 // लाते पुराणो को तुम देवो दंसेति मूगरूवं से / देवनं पुव्यभव संगारं वानि संभारे // 63 // तो संभरितुं जाति संवेगमुवागतो भात देव / इच्छामो अणुसदि जातो पिरो संजमे ताहे।दारं // 65 // रोग, णि य एम दिक्खा अगाठिया रामकण्ड पुन्वभवो / दारं / उद्दाय. ण संबोडी पभावती देवसण्णत्ती दारं // 65 // बच्छ अणुबंधी मणको / दारं / कण्णाए अणिओ तु केणव / पुत्तो जाति जो दू सो होती अजणकण्णी तु // 66 // गिर्वात मुताति दोन्निाव णिक्यताई तु भातुभंडाई / अण्णद रायसुतो न णिसाए लोयप्पणो कुति / / 3 // छड्डेडामि पभाते चलणाहो कालपांडेयरंतीए / पोग्गल - दागमणं अह णिवति तेसु वालेसु / / 688 // वीमरिया ते तस्स य सिरोरुहा तम्मि चेव हाणाम्म / तत्थ य पवित्तिणीओ महागता ग़ाम गंतुमणा // 69 // अह तीए रायडिया तं वंदिउँ सा पदेसि लोम्म / उर्वावह परि तीए य मोलगं सहसमोगाठं1880|| लज्जाए सहस घेतुं तेर्सि जेसुक्कगलाइण्णे / गुज्झम्मि सोन्नवेयिय अह सुर्क जोणिमोगाटं // 691 // तो गब्भो आभूतो अह