________________ 56 ] - श्रीमदागमसुधासिन्धुः : सप्तमो विमागः कयबलिकम्मे जाव जेणेव भोत्रणमंडवे तेणेव उवागच्छइ 2 ता भोत्रणमंडवंसि सुहासणवरगए अट्ठमभत्तं परियादियइ 2 त्ता जाव सीहासणवरगए पुरत्थिाभिमुहे णिसीअइ 2 ता अट्ठारस सेणिप्पसेणीयो सद्दावेइ 2 त्ता जाव अट्टाहिश्राए महामहिमाए तमाणत्तियं पञ्चप्पिणति 6 ॥सूत्रं 50 // तए णं से दिव्वे चक्करयणे सिंधूए देवीए अट्टाहिश्राए महामहिमाए णिव्वताए समाणीए पाउहबरसालायो तहेव जाव उत्तरपुरच्छिमं दिसिं वेश्रद्धपव्वयाभिमुहे पयाए श्रावि होत्था 1 / तए णं से भरहे राया जाव जेणेव वेश्रद्धपव्वए जेणेव वेश्रद्धस्स पव्वयस्स दाहिणिल्ले णितंबे तेणेव उवागच्छइ 2 ता वेश्रद्धस्स पव्वयस्स दाहिणिल्ले णितंबे दुवालसजोत्रणायाम णवजोत्रणविच्छिराणं वरणगरसरिच्छं विजयखंधावारनिवेसं करेइ 2 चा जाव वेपद्धगिरिकुमारस्स देवस्स अट्टमभत्तं पगिराहइ 2 त्ता पोसहसालाए जाव अट्ठमभत्तिए वेश्रद्धगिरिकुमारं देवं मणसि करेमाणे 2 चिट्ठइ 2 / तए णं तस्स भरहस्स रगणो अट्ठमभत्तसि परिणममाणंसि वेश्रद्धगिरिकुमारस्स देवस्स पासणं चलइ, एवं सिंधुगमो णेश्रव्यो, पीइदाणं आभिसेक्क रयणालंकारं कडगाणि श्र तुडियाणि श्र वत्थाणि श्र ग्राभरणाणि श्र गेगहइ 2 त्ता ताए उकिट्टाए जाव अट्टाहियं जाव पचप्पिणंति 3 / तए णं से दिव्वे चक्करयणे अट्ठाहियाए महामहिमाए णिवत्ताए समाणीए जाव पञ्चत्थिमं दिसिं तिमिसगुहाभिमुहे पयाए श्रावि होत्था 4 / तए णं से भरहे राया तं दिव्वं चकरयणं जाव पञ्चत्थिमं दिसि तिमिसगुहाभिमुहं पयातं पासइ 2 ता हट्टतुट्ठचित्त जाव तिमिसगुहाए अदूरसामंते दुवालसजोषणायामं णवजोत्रणविच्छिराणं जाव कयमालस्स देवस्स अट्ठमभत्तं पगिराहइ 2 त्ता पोसहसालाए पोसहिए बंभयारी जाव कयमालगं देवं मणसि करेमाणे 2 चिटइ 5 / तए णं तस्स भरहस्स रराणो अट्ठमभत्तंसि परिणममाणंसि कयमालस्स देवस्स श्रासणं चलइ तहेव जाव वेश्रद्धगिरिकुमारस्स णवरं पीइदाणं