SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 75
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 48] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः / सप्तमो विभागः चक्करयणं अणुगच्छमाणे 2 जोगणंतरित्राहि वसहीहि वसमाणे 2 जेणेव मागहतित्थे तेणेव बागच्छइ 2 ता मागहतित्यस्स अदूरसामंते दुवालसजोयणायाम .. एवजोषणविच्छिण्णं वरणगरसरिच्छं विजयखंधावारनिवेसं करेइ 2 ता वड्डइरयणं सदावेइ सदावइत्ता एवं वयासी-खिप्पामेव . भो देवाणुप्पिा ! ममं श्रावासं पोसहसालं च करेहि करेत्ता ममेयमाणत्तिभं पञ्चप्पिणाहि 4 / तए णं से वड्डइरयणे भरहेणं रराणा एवं वुत्ते समाणे हट्टतुट्टक्त्तिमाणदिए पीइमणे जाव अंजलि कटु एवं सामी तहत्ति प्राणाए विणएणं वयणं पडिसुणेइ 2 ता भरहस्स रराणो श्रावसहं पोसहसालं च करें। 2 ता एत्रमाणत्तियं खिप्पामेव पञ्चप्पिणंति 5 / तए णं से भरहे राया श्राभिसेकायो हत्थिरयणाश्रो पच्चोरहइ 2 त्ता जेणेव पोसहसाला तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता पोसहसालं अणुपविसइ 2 ता पोसहसालं पमजइ. 2 त्ता दन्भसंथारगं संथरइ 2 त्ता दब्भसंथारगं दुरूहइ 2 त्ता मागहतित्थकुमारस्स देवस्स अट्ठमभत्तं पगिराहइ 2 ता पोसहसालाए पोसहिए बंभयारी जम्मुक्कमणिसुवराणे ववगय-मालावराणगविलेवणे णिक्खित्तसत्थमुसले दम्भसंथारो‘वगए एगे अबीए अट्ठमभत्तं पडि नागरमाणे 2 विहरइ 6 / तए ण से भरहे रोया अट्ठमभत्तंसि परिणममाणंसि पोसहसालारो पडिणिवखमइः 2 त्ता जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला तेणेव उवागच्छइ 2. त्ता कोडवित्रपुरिसे सद्दावेइ 2 ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया हयगयरहपवरजोहकलि चाउरंगिणिं सेणं सराणाहेह चाउग्घंटं च श्रासरह पडिकप्पेहत्तिकटु मजणघरं अणुपविसइ 2 ता समुत्त तहेव जाव धवलमहामेहणिग्गए जाव मजणघरायो पडिणिक्खमइ 2 ता हयगयरह-पवरवाहणा नाव सेणाए(वइ) पहियकित्ती जेणेव बाहिरिश्रा उवट्ठाणसाला जेणेव चाउग्घंटे अासरह तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता चाउम्घंटे बासरहं दुरूढे 7 // सूत्रं 44 // तए णं से भरहे राया चाउग्घंटे श्रासरह दुरूढे समाणे हयगयरह-पवर
SR No.004368
Book TitleAgam Sudha Sindhu Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendravijay Gani
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1978
Total Pages532
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_jambudwipapragnapti, agam_jambudwipapragnapti, agam_nirayavalika, agam_kalpavatansika, agam_pushpika, agam_pushpachulika, & agam_vrushnidasha
File Size13 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy