________________ श्रीमज्जम्बूद्वीपप्रज्ञप्त्युपाङ्गमूत्र :: द्वितीयो वक्षस्कारः ] [ 35 गोयमा ! तेसिं मणुयाणं छब्बिहे संघयणे छविहे संठाणे बहूई धणूइं उद्धं उच्चत्तेणं जहराणेणं अंतोमुहत्तं उक्कोसेणं पुदकोडीयाउग्रं पालेति 2 त्ता अप्पेगइया णिरयगामी जाव देवगामी अप्पेगइया सिझति बुझंति जाव सव्वदुक्खाणमंतं करेति 3 / तीसे णं समाए तो वंसा समुप्प. जित्था, तंजहा-अरहंतवंसे चक्कवट्टियंसे दसारवंसे, तीसे णं समाए तेवीसं तित्थयरा इक्कारस चकवट्टी गाव बलदेवा णव वासुदेवा समुप्पन्जित्था 4 // सूत्रं 34 // तीसे णं समाए एकाए सागरोवमकोडाकोडीए बायालीसाए वाससहस्सेहिं उणियाए काले वीइक्कते अणंतेहिं वराणपज्जवेहिं तहेव जाव परिहाणीए परिहायमाणे 2 एत्थ णं दुसमाणामं समा काले पडिवजिस्सइ समणाउसो ! 1 / तीसे णं भंते ! समाए भरहस्स वासस्स केरिसए पागारभावपडीबारे भविस्सइ ?, गोत्रमा ! बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे भविस्सइ से जहाणामए थालिंगपुवखरेइ वा मुइंगपुक्खरेइ वा जाव णाणामणिपंचवराणेहिं कत्तिमेहिं चेव अकत्तिमेहिं चेव 2 / तीसे णं भंते ! समाए भरहस्स वासस्स मणुाणं केरिसए अायारभावपडोयारे पराणत्ते ?, गोयमा ! तेसि मणुयाणं छविहे संघयणे छविहे संगणे बहुइयो रयणीयो उद्धं उच्चत्तेणं जहराणेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं साइरेगं वाससयं याउग्रं पालेंति 2 ता अप्पेगइया णिरयगामी जाव सव्वदुक्खाणमंतं करेंति 3 / तीसे णं समाए पच्छिमे तिभागे गणधम्मे पासंडधम्मे रायधम्मे जायतेए धम्मवरण य वोच्छिजिस्सइ 4 // सूत्रं 35 // तीसे णं समाए एकवीसाए वाससहस्सेहिं काले वीइक्कते अणंतेहिं वराणपजवेहिं गंधपजवेहिं रसपजवेहिं फासपजवेहिं जाव परिहायमाणे 2 एत्थ णं दूसमदूसमाणामं समाकाले पडियजिस्सइ समणाउसो ! 1 / तीसे णं भंते ! समाए उत्तमकट्टपत्ताए भरहस्स वासस्स केरिसए अायारभावपडोसारे भविस्सइ ?, गोमा ! काले भविस्सई हाहाभूए भंभा