________________ 460 ] [ श्रीमदागम पुधासिन्धुः :: सप्तमो विभागः अजा सुब्बयाणं अजाणं अंतिए सामाइयमाइयाई एकारस अंगाई अहिजइ 2 बहूहि छ?मदसमदुवालस जाव भावमागी बहुइं वासाई सामराणपरि. यागं पाउणति 2 मासियाए संलेहणाए सर्टि भत्ताई अणसणाए छेदित्ता बालोइयपडिक्कता समाहिपत्ता कालमासे कालं किच्चा सकस्स देविंदस्स देवरराणो सामाणियदेवत्ताए उववजिहिति, तत्थ णं अत्थेगइयाणं देवाणं दोसागरोवमाई ठिई पराणत्ता, तत्थ णं सोमस्स वि देवस्स दोसागरोवमाई ठिई पराणत्ता // सू० 102 // से णं भंते सोमे देवे ततो देवलोगायो श्राउक्खएणं जाव चयं चइत्ता कहिं गच्छिहिति ? कहिं उववजिहिति ? गोयमा / महाविदेहे वासे नाव अंतं काहिति 1 / एवं खलु जंबू ! समणेणं जाव संपत्तेणं अयम? पराणत्ते 2 ॥सू० 103 // 4 // जइ णं भंते! समणेणं भगवया उक्खेवो एवं खलु जंब ! तेणं कालेणं 2 रायगिहे नामं नगरे, गुणसिलए चेइए, सेणिए राया, सामी समोसरिते, परिसा निग्गया, तेणं कानेणं 2 पुराणभद्दे देवे साहेम्मे कप्पे पुगणभद्दे विमाणे सभाए सुहम्माए पुराणभसि सीहासणंसि चउहिं सामाणियसाहस्सीहिं जहा सूरियाभो जाव बत्तीसतिविहं नट्टविहिं उवदंसित्ता जामेव दिसिं पाउब्भूते तामेव दिसि पडिगते कूडागारसाला पुव्वभवपुच्छा // सूत्रं 104 // एवं खलु गोयमा ! तेणं कालेणं 2 इहेव जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे मणिवइया नाम नगरी होत्था रिद्ध, चंदो, ताराइणे चेइए, तत्थ णं मणिवइयाए नगरीए पुराणभद्दे नाम गाहावई परिवसति अड्डे // सूत्रं 105 // तेणं कालेणं 2 थेरा भगवंतो जातिसंपराणा जाव जीवियासमरणभयविप्पमुक्का बहुस्सुया बहुपरिवारा पुवाणुपुचि जाव समोसढा, परिसा निग्गया 1 / तते णं से पुराणभद्दे गाहावई इमीसे कहाए लट्ठ समाणे हट जाव पराणत्तीए गंगदत्ते तहेव निग्गच्छइ जाव निक्खंतो जाव गुत्तबंभचारी 2 // सूत्रं 106 // तते णं से पुराणभद्दे अणगारे भगवंताणं अंतिए सामाइयमादियाइं एकारस