________________ 12 } [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः :: सप्तमो विभागः वीसे जोयणसए एक्कारस य एगूणवीसइभाए जोपणस्स परिवखेवणं 3 / उत्तरड्डभरहस्स भंते ! वासस्स केरिसए थायारभावपडोयारे पराणत्ते ?, गोमा ! बहुममरमणिज्जे भूमिभागे पराणने 4 / से जहा णामए यालिंगपुक्खरेइ वा जाव कित्तिमेहिं चेव अकित्तिमेहिं चेव 5 / उत्तरडभरह गण भंते ! वासे मणुयाणं केरिसए श्रायारभावपडोयारे पराणत्ते ?, गोयमा ! ते णं मणुया बहुसंघयणा जाव अप्पेगडया सिझति जाव सव्व दुवखाणमंतं करेंति 6 // सूत्रं 16 // कहि णं भंते ! जंबुद्दीवे दीवे उत्तरड्डभरह वासे उसभकूडे णामं पधए पराणत्ते ?, गोयमा ! गंगाकुडस्स पचत्थिमेणं सिंधुकुडस्त्र पुरच्छिमेणं चुल्लहिमवंतस्स वासहरपव्वयस्स दाहिणिल्ने णितंवे, एत्थ णं जंबुद्दीवे दीवे उत्तरड्डभरहे वासे उसहकूड णामं पव्वए पराणत्ते 1 / अट्ठ जोगणाई उड्ड उच्चत्तेणं, दो जोयणाई उव्वेहेणं, मूले अट्ठ जोगणाई विक्खंभेणं मझे छ जोषणाई विवखंभेणं उवरि चत्तारि जोयणाई विक्खंभेणं, मूले साइरेगाई पराणवीसं जोयणाई परिक्खेवेणं मज्झे साइरेगाइं अट्ठारस जोयणाई परिक्खेवणं उवरि माइरेगाई दुवालस जोयणाई परिक्खेवणं, (पाठान्तरं-मूले बारस जोयणा: विक्खंभेणं मज्झे अट्ठ जोगणाई विक्खंभेणं उप्पि चत्तारि जायणगाई विक्खंभेणं मूल्ने साइरेगाइं सत्तत्तीसं जोषणाई परिवखेवणं मझे माइरेगाई पणवीसं जोशणाई परिक्खेवेणं उप्पि साइरेगाई बारस जोयणाई परिक्खवेणं) 2 / मूले विच्छिराणे मज्झे संक्खित्ते उप्पि तणुए गोपुच्छसंठाणसंठिए सव्वजंत्रणयामए अच्छे सराहे जाव पडिरूवे 3 / से णं एगाए पउमवरवेइथाए तहेव जाव भवणं कोसं थायामेणं अद्धकोसं विखंभेणं देसऊणं कोसं उड्ड उच्चत्तेणं, अहो तहेव 4 / उप्पलाणि पउमाणि जाव उसमें य एत्थ दव महिड्डीए जाव डाहिगोणं रायहाणी तहेव मंदरस्स पव्वयस्स जहा विजयस्स अविसेसियं 5 // सूत्रं 17 // // इति प्रथमो वक्षस्कारः // 1 //