________________ .. || अहम् // // श्रीमत्सूर्यप्रज्ञप्त्याख्यमुपाङ्गम् // . // अथ प्रथमप्रामृते प्रथमं प्राभृतप्राभृतम् // -*नमः श्रीवीतरागाय // नमो अरिहंताणं // ते णं काले णं ते णं समए णं मिथिला नाम नयरी होत्था रिद्धस्थिमिय-समिद्धा पमुइत जणजाणवया जाव पासादीया राक (4) 1 / तीसे णं मिहिलाए नयरीए बहिया उत्तरपुरच्छिमे दिसिभाए एत्थ णं माणिभद्दे णाम चेइए होत्था वराणश्रो 2 / तीसे णं मिहिलाए जितसत्तू राया, धारिणी देवी, वराणश्रो 3 / ते णं काले णं ते णं समए णं तंमि माणिभद्दे चेइए सामी समोसढे 4 / परिसा निग्गता, धम्मो कहितो, पडिगया परिसा जाव राजा जामेव दिसिं पादुभूए तामेव दिसि पडिगते 5 // सूत्रं 1 // ते णं काले णं ते णं समए णं समणस्स भगवतो महावीरस्स जे? अंतेवासी इंदभूती णामे(म) अणगारे गोतमे गोत्तेणं सत्तुस्सेहे समचउरंससंठाणसंठिए वजरिसहनारायसंघयणे जाव एवं वयासी // सूत्रं 2 // कइ मंडलाइ वचइ 1 तिरिच्छा किं च गच्छइ 2 / योभासइ केवइयं 3 सेयाइ किं ते संठिई 4 // 1 // कहिं पडिहया लेसा 5, कहिं ते योयसंठिई 6 / के सूरियं वरयते 7, कहं ते उदयसंठिई 8 // 2 // कह कट्ठा पोरिसीच्छाया 1, जोगे किं ते व श्राहिए 10 / किं ते संवच्छरेणादी 11, कइ संवच्छराइ य 12 // 3 // कहं चंदमसो वुड्डी 13, कया ते दोसिणा बहू 14 / के सिग्धगई वुत्ते 15, कहं दोसिणलक्खणं 16 // 4 // चयणोववाय 17, उच्चत्ते 18, सूरिया कइ श्राहिया 11 / अणुभावे के व संवुत्ते 20, एवमेयाइं वीसई // 5 // सू० 3 //