________________ श्रीमच्चन्द्रप्रज्ञप्तिसूत्रं : प्रा० 18 ] [ 317 परिवहति 11 // सू० 14 // एएसिं णं चंदिम-सूरिय-गहगण-णक्खत्ततारारूवाणं कयरे कयरेहितो सिग्धगई वा मंदगई वा ? ता चंदेहितो सूरा सिग्धगई सूरेहितो गहा सिग्धगई गहेहितो णक्खत्ता सिग्घगई, णक्खत्तेहिंतो तारा सिग्धगई, सव्वप्पगई चंदा, सव्वसिग्धगई तारा 1 / ता एएसिं णं चंदिम-सूरिय-गहगण-णक्खत्तताराख्वाणं कयरे कयरेहितो अप्पिडिया वा महिड्डिया वा ? ताराहिंता णक्खत्ता महिड्डिया णक्खत्तेहितो गहा महिड्डिया, गहेहिंतो सूरिया महिड्डिया, सूरिएहितो चंदा महिड्डिया, सवप्पिडिया तारा, सव्वमहिड्डिया चंदा 2 // सू०१५ // ता जंबुद्दीवेणं दीवे तारारूवस्स य एस णं केवइए अबाहाए अंतरे पराणत्ते ? दुविहे अंतरे पराणत्ते, तंजहा-वाघाइमे य, निव्वाघाइमे य 1 / तत्थ णं जे से वाघाइमे से णं जहराणेणं दोरिण छाव? जोयणसते उकोसेणं बारसजोयणसहस्साई दोगिण बायाले जोयणसते तारारुवस्स य 2 अबाहाए अंतरे पराणत्ते 2 / तत्थ णं जे से णिवाघाइमे से जहराणेणं पंच धणुसयाई, उकोसेणं अद्धजोयणं तारारूवस्त य 2 अवाहाए अंतरे पराणत्ते 3 // सू० १६॥ता चंदस्स णं जोइसिंदस्स जोइसरगणो कइअग्गमहिसीनो पराणत्तायो ? ता चत्तारि अग्गमहिसीनो, पराणत्तायो, तंजहा-चंदप्पभा 1, दोसिणाभा 2, अचिमाली 3, पभंकरा 4,1 / तत्थ णं एगमेगाए देवीए चत्तारि 2 देवीसाहस्सीयो परिवारो परणत्तो 2 / पभू णं ताश्रो एगमेगा देवी अराणाइं चत्तारि 2 देवीसहस्साई परिवारं विउवित्तए 3 / एवामेव सपुव्वावरेणं सोलस देवीसहस्साई, सेत्तं तुडिए 4 / तापभूणं चंदे जोइसिंदे जोइसराया चंदवडिसएविमाणे सभाए सुहम्माए तुडिएणं सद्धिं दिव्वाई भोगभोगाइं भुजमाणे विहरित्तए ? णो इण? संम? 5 / ता कहं ते णो पभू चंदे जोइसिंदे जोइसराया चंदवडिसए विमाणे सभाए सुहम्माए तुडिएणं सद्धि दिव्वाइं भोगभोगाइं भुजमाणं विहरित्तए ? ता चंदस्स णं जोइसिंदस्स जोइसरगणो चंदवडिसए विमाणे